बिलासपुर—समाज और देश की विकास की बुनियाद शिक्षा होती है। शिक्षक भावी पीढ़ी का निर्माता होता है। उसके ही हाथों में विकास की असली डोर होती है। सही अर्थों में शिक्षक ही विकास की बुनियाद होता है। यह बातें नगरीय प्रशासन, उद्योग एवं वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने आज देवकीनंदन दीक्षित सभागृह में आयोजित सेवानिवृत्त शिक्षकों के सम्मान समारोह में कही।
नगरीय प्रशासन मंत्री अग्रवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने कल्पना की थी कि पुरानी पीढ़ी भले ही अशिक्षित रह गई हो, लेकिन भावी पीढ़ी का निर्माण बेहतर ढंग से करना है। उन्होंने देश में शिक्षा का अधिकार लागू किया। सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिलें। आज देश में लगभग 98 प्रतिशत बच्चे स्कूल जा रहे हैं। अमर अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा छत्तीसगढ़ सरकार की पहली प्राथमिकता में है।स्कूलों में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है।शिक्षकों की कमी की पूर्ति के साथ ही स्कूली बच्चों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, गणवेश, मध्यान्ह भोजन एवं सरस्वती सायकल प्रदान किया जा रहा है।
प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती शिक्षाकर्मी के रूप में की गई है। उनके भावनाओं को ठेस न पहुंचें, इसके लिए उन्हें सम्मान देते हुए अब पंचायत शिक्षक एवं नगरीय निकाय शिक्षक का नाम दिया गया है। शिक्षक अब हर साल नियमित होते जा रहे हैं। उनके भविष्य निधि को आनलाईन किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश-प्रदेश का विकास शिक्षा से ही है। शिक्षक बच्चों में संस्कार, संस्कृति, खेल, मां-बाप को सम्मान देने के अलावा बच्चों को अनुशासित करने का काम करते हैं। शिक्षक भावी पीढ़ी का निर्माण करते हैं। भावी पीढ़ी का निर्माण ही भावी देश का निर्माण है।
शिक्षकों का सम्मान किया जाना एक अच्छी परंपरा है। शिक्षिकों को सम्मानित करते हुए मै गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षक सामाजिक कार्यों में अपना योगदान दें।इस अवसर पर रामदेव कुमावत, पार्षद गणेश रजक, राकेश तिवारी, शिक्षक संघ के प्रांतीय संयोजक आशालता चैहान समेत विभिन्न कर्मचारी संघ के पदाधिकारी, सेवानिवृत्त शिक्षक और शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थी।