जल संसाधन विभाग को घेरा विवाद का भूत…ई.ई. का हुआ था अपहरण

BHASKAR MISHRA
6 Min Read

photoबिलासपुर– करीब दो महीने की लम्बी छुट्टी के बाद खारंग जल संसाधन विभाग के ई.ई. ने दो दिन पहले अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। पदभार ग्रहण करते ही विभाग में तूफान मच गया है। ई.ई. और हसदेव कछार के मुख्य अभियंता के बीच कुछ असामन्य सा दिखाई देने लगा है। दोनों ही अधिकारी एक दूसरे के खिलाफ खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। लेकिन मुख्य अभियंता व्ही.के.श्रीवास्तव ने बताया कि दो महीने पहले चार दिन की छुट्टी पर गए खारंग के ई.ई. धवनकर का स्थानांतरण बांगो संभाग मे हो गया है। लेकिन उन्होंने खारंग जल संसाधन का काम काज देख रहे वर्मन को हटाकर सीट पर कब्जा कर लिया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now
             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

                                 जानकारी के अनुसार खारंग के ई.ई.राजेश धवनकर नागपुर अपनी भांजी की शादी में शामिल होने 11 सितम्बर  को रवाना हुए। उन्होने कुल चार दिन की छुट्टी के लिए मुख्य अभियंता को आवेदन पत्र भी दिया। छुट्टी 16 सितम्बर को खत्म हो गयी। लेकिन धवनकर पूरे दो महीने बाद कार्यालय  लौटे। उन्होंने प्रभारी को हटाकर काम करना शुरू कर दिया है।

Join Our WhatsApp Channel

                                            धवनकर के छुट्टी पर जाने के बाद हसदेव कछार के मुख्य अभियंता व्ही.के. श्रीवास्तव ने 15 सितम्बर को एक पत्र जारी कर  जूनियर अभियंता सुधाकर वर्मन को धवनकर का प्रभारी बना दिया। मालूम हो कि धवनकर की छुट्टी सिर्फ 16 तारीख तक ही थी। उन्होने जाते समय किसी को पदभार नहीं दिया था। श्रीवास्तव ने वरिष्ठता को नजर अंदाज करते हुए वरिष्ठ अभियंता राणा पर वरीयता देते हुए वर्मन को खारंग जल संसाधन का प्रभारी बनाया। जो कि शासकीय गाइड लाइन का सरासर उल्लंघन है।

                                       व्ही.के.श्रीवास्तव के अनुसार धवनकर किडनी का इलाज कराने नागुपर गए थे। इसलिए वर्मन को खारंग का काम काज सौंपा गया। उन्होंने काफी जूनियर वर्मन को खारंग का प्रभार क्यों दिया। उत्तर देने के पहले उन्होंने कार्यालय छोड़ना बेहतर समझा।

                                   इधर खारंग जल संसाधन के मुख्य अभियंता राजेश धवनकर ने बताया कि मैने किडनी इलाज के लिए पत्र लिखा था । लेकिन सच्चाई कुछ अलग ही है। उन्होने बताया कि मेरे अपनों ने मुझे और मेरी पतनी का 13 सितम्बर को अपहरण कर लिया।  9 नवम्बर को उनके चंगुल से आजाद हुआ। 16 तारीख से मैने काम करना शुरू कर दिया है। मेरा अपहरण क्यों हुआ और किड़नी इलाज का मामला क्या है मै लिखित में सरकार को सौंप दिया है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही कुछ बताने की स्थिति में रहुंगा।

                     धवनकर ने बताया कि इन दो महीनों में उनके पास घर और कार्यालय तक सूंचना पहुंचाने के लिए कोई माध्यम नहीं था।यहां तक कि मोबाइल भी मेरा जब्त कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि घटना क्यों औक किन परिस्थितियों में हुई इसे उचित मंच मतलब लिखित रूप से शासन को सौंप दिया गया है।

                                  कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार हसदेव कछार के मुख्य अभियंता व्ही.के.श्रीवास्तव ने नियमों को अनदेखी कर अपने चहेते अभियंता वर्मन को खारंग का प्रभारी बनाया। इस दौरान कई टेंडर भी हुए। जो लटके हुए थे। श्रीवास्तव ने नियमों को अनदेखी करते हुए साल 2000 के वरिष्ठ अभियंता राणा की जगह साल 2005 के कनिष्ठ अभियंता को खारंग की जिम्मेदारी दी। जो कि प्रशासनिक गाइड लाइन का खुला उल्लंघन है। बहरहाल धवनकर ने आते ही कुर्सी को पकड़ लिया है। जबकि उनका स्थानांतरण बांगो संभाग कार्यालय में हो गया है।

                         धवनकर ने बताया कि मुख्य अभियंता के पत्र के अनुसार मेरे आते ही प्रभारी ई.ई.का प्रभार स्वमेव खत्म हो जाएगा। इसलिए इस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। मैने अपना काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि मेरा स्थानांतरण बांगो संभाग में हो गया है। यहां आने के बाद ही जानकारी मिली। लेकिन मेरे स्थान पर कौन आएगा,मै अपना प्रभार किसे दूं  इस बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। इसलिए मैं खारंग में ही काम कर रहा हूं।

                 इस दौरान एक बात सामने जरूर आई की हसदेव कछार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कयास लगाया जा रहा है कि धवनकर के जाने के बाद रूके हुए निविदाओं को निपटाने के लिए मुख्य अभियंता ने वर्मन को प्रभारी ई.ई.की जिम्मेदारी दी । शायद राणा इस काम को आसानी से नहीं कर पाते इसलिए उनकी वरिष्ठता को भी नजरअंदाज किया गया।

                       मामला काफी पेचीदा है। प्रश्न भी कई है। धवनकर का अपहरण किसने किया। प्रभार देते समय वरिष्ट अभियंता राणा को मुख्य अभियंता ने क्यों नजरअंदाज किया। धवनकर का स्थानांतरण किया गया तो उनके स्थान पर कौन आएगा या प्रभार लेगा कुछ भी स्पष्ट नहीं है।  इसके पीछे राज क्या है। कुछ भी फिलहाल स्पष्ट नहीं है।  उम्मीद है कि धीरे- धीरे सब कुछ सामने आ जाएगा।

close