COVID19-पढ़िए लॉक डाउन के दौरान हर किसी के मन में उठ रहे सवालों के जवाब मे क्या कहते हैं डॉक्टर..?कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने क्या करना जरूरी है..?

Shri Mi
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नई दिल्ली।ऑल इंडिया रेडियो के विशेष कार्यक्रम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के डॉ आशुतोष बिसवास ने कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी । डॉ आशुतोष ने कहा कि इस वायरस से जंग जीतनी है तो होम आइसोलेशन का शत-प्रतिशत पालन करना होगा। कार्यक्रम में उन्होंने कई श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए ।जिनमें ज्यादातर ऐसे सवाल थे ,जो कोरोनावायरस से बचाव के लिए देश में चल रहे लाख डाउन के दौरान ज्यादातर लोगों के दिमाग में उठ रहे हैं। डॉक्टर से किए गए सवाल और उनके जवाब सभी के लिए उपयोगी हो सकते हैं ।जिसे हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं:- सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

प्रश्‍न- कोरोना संक्रमण की चेन को कैसे तोड़ा जा सकता है?

उत्तर- कोविड-19 चीन से शुरू होकर 150 देशों में फैल चुका है। विकसित देशों समेत सभी देशों से हमने कुछ न कुछ सीखा है। एक महीने बाद हमारे यहां 3 मामले आये, अब संख्‍या 700 तक पहुंच गई है। इस समय लॉकडाउन है। और यही एक मात्र तरीका है। होम आईसोलेशन का 100% पालन करना है। अगर हम इसमें चूंक गए, तो सरकार का पूरा प्लान फेल हो जाएगा। उसकी और भी ज्यादा बड़ी कीमत देश को चुकानी पड़ेगी।

प्रश्‍न- क्या घर के अंदर भी दूरी बनाना जरूरी है?

उत्तर- हां, इसे होम डिस्टेंसिंग (home distancing) कहते हैं। क्योंकि आपको नहीं पता कि लॉकडाउन (lockdown) के पहले आपके घर का कोई सदस्य किसी संक्रमित के संपर्क में आया था या नहीं। संक्रमण नहीं भी दिख रहे हों, तो भी दूरी बनाकर रखें। एक दूसरे से बात भी कम से कम 1 मीटर की दूरी से करें। क्योंकि बात करते समय मुंह से निकलने वाली भाप में भी यह वायरस बाहर आता है। करीब होने पर संक्रमण फैल सकता है। इसके अलावा करंसी (currency) से भी फैलता है।

प्रश्‍न- अगर संक्रमित व्यक्ति घूम रहा है तो उससे क्या होगा?

उत्तर- संक्रमित व्यक्ति अगर बाहर सोसाइटी में घूम रहा है तो 100 से 200 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर घर में रहेगा, तो तीन या चार लोगों को और अगर खुद को एक कमरे में सेल्‍फ क्‍वारंटाइन्ड (self quarentined) यानी सबसे अलग कर ले तो संक्रमण आगे नहीं बढ़ेगा।

प्रश्‍न- बाज़ार से सब्जी, दूध का पैकेट आदि लाकर धोने की जरूरत है क्या? धोएं तो कैसे धोएं?

उत्तर- दूध के पैकेट, सब्जी आदि को घर लाने के बाद गुनगुने पानी में या फिर नमक के पानी में धोएं। नमक एंटी वायरल (anti-viral), एंटी बेक्टीरियल (anti-becterial) एजेंट (agent) होता है। धोने का कार्य किचन में न करें। धुलने के बाद सामान को एकांत जगह पर कुछ घंटों के लिए रख दें। सूखी जगह पर रहने पर कुछ घंटों बाद वायरस मर जाएगा। जो चीजें धुल नहीं सकते, उन्‍हें कुछ घंटों के लिए सूखे स्थान पर रख दें। वायरस मर जाएगा।

प्रश्‍न- बाज़ार में हम कई सारी सब्जियां छूते हैं, सुपरमार्केट में सामान छूते हैं, उस समय क्या सावधानी बरतें?

उत्तर- बेहतर होगा अगर आप स्टोर में सामान लेने जा रहे हैं, तो ग्लव्स (gloves) यानी दस्ताने पहन कर जाएं। घर पहुंचते ही ग्लव्स को डिस्पोज़ (dispose) कर दें। अगर ग्‍लव्स नहीं हैं, तो खरीददारी करने के बाद घर आते ही तुरंत अच्‍छी तरह हाथ धोएं। इस बीच अपने हाथों को मुंह, नाक, कान, आंख, आदि तक नहीं लायें।

प्रश्‍न- भारत के कई हिस्सों में बारिश भी हो रही है। ऐसे समय में सर्दी-ज़ुकाम हो जाता है। ऐसे में लोग क्या करें?

उत्तर- इस समय भारत में मौसमी फ्लू भी चलन में है। असाधारण महसूस कर रहे हैं तो तीन-चार दिन तक अपने स्वास्थ्‍य पर पैनी नज़र रखें। अगर आपकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री (travel history) है, या किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आये हैं, जो हाल ही में ट्रैवल (travel) कर चुका है, तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। अगर महज़ फ्लू के लक्षण हैं, तो टेस्ट (test) कराने की जरूरत नहीं। अगर फ्लू के लक्षणों के साथ सूखी खांसी, गले में इंफेक्शन (infection), सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो तुरंत आईसोलेशन (isolation) की जरूरत है।

प्रश्‍न- सामान्य फ्लू के लक्षण दिख रहे हों, तो कितने दिन इंतज़ार करें?

उत्तर- अगर सामान्य फ्लू के लक्षण हैं, तो आप चार से पांच दिन इंतज़ार कर सकते हैं, अगर लक्षण कम नहीं हो रहे हैं, तो तुरंत टोल फ्री (toll free) नंबर 1075 पर तुरंत कॉल (call) करें। लेकिन शुरुआती चार से पांच दिन में ही आपको सेल्फ आईसोलेशन (self isolation) यानी दूसरों से अलग कर लें। इसके ट्रीटमेंट (treatment) का प्रोटोकॉल (protocol) है उसे फॉलो (follow) करना है।

प्रश्‍न- कोविड-19 के संक्रमित की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार में क्या सावधानी बरतें?

उत्तर- संक्रमित की मृत्यु होने के बाद अस्पताल से शव देने का एक प्रोटोकॉल है, उसको पूरा सील करके देते हैं। शव में वायरस नहीं होते, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। लिहाज़ा किसी भी प्रकार के रिवाज़ जिनसे अ के लिए अंतिम संस्कार में देरी नहीं करनी चाहिए।

प्रश्‍न- कोविड-19 के संक्रमित की मृत्यु होने पर उसका अंतिम संस्कार में क्या सावधानी बरतें?

उत्तर- संक्रमित की मृत्यु होने के बाद अस्पताल से शव देने का एक प्रोटोकॉल (protocol) है, उसको पूरा सील करके देते हैं। शव में वायरस नहीं होते, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। लिहाज़ा रिवाज़ों की वजह से अंतिम संस्कार में देरी नहीं करनी चाहिए।

प्रश्‍न- यह वायरस आगे चलकर कमजोर होगा या नहीं?

उत्तर- यह वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है। अमेरिका, फ्रांस, इटली में इसके परिणाम सबको दिख रहे हैं। लिहाज़ा यह वायरस कमजोर नहीं पड़ने वाला। इसे कमजोर करने का एक मात्र तरीका है सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing)। एक दूसरे से दूरी बनाकर ही हम वायरस की चेन को तोड़ सकते हैं। ऐसा करने के लिए सभी को लॉकडाउन का गंभीरता से पालन करना होगा।

प्रश्‍न- बिना किसी के संपर्क में आये क्या हम खेत में जाकर काम कर सकते हैं?

उत्तर- अगर आप खेत में अपने साथ दस-पंद्रह लेबर लेकर जाएंगे, तो ही वायरस लगने का खतरा है। अकेले जाने पर कोई खतरा नहीं, क्योंकि खेत में वायरस नहीं होता। चूंकि लॉकडाउन है, इसलिसे अभी न जायें। बहुत जरूरी है तभी घर से बाहर निकलें।

प्रश्‍न: दूधमुहे बच्चों को कोरोना से कैसे बचा सकते हैं?

उत्तर: दूधमुहे बच्चों का स्वास्थ्‍य उनकी मां स्वास्‍थ्‍य पर निर्भर होता है। जो बच्चे छोटे हैं, मां का दूध पीते हैं, या ज्यादातर समय मां की गोदी में रहते हैं, उनकी मां को बाहर नहीं जाना है। जो कोई भी बाहर से आ रहा है, मां को उससे कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखना है। बाहर आने जाने वाले लोग बच्चे को गोदी नहीं लें।

प्रश्‍न- अगर हम छत या सड़क पर खड़े हैं, तो क्या हवा में उड़कर वायरस मेरे शरीर में घुस सकता है?

उत्तर- वायरस छींच या खांसी करने पर ही शरीर से बाहर आता है। जो कि ज्यादा से ज्यादा एक मीटर तक जा सकता है। आंधी भी चलेगी, तो भी ज्यादा दूर नहीं जाएगा। लॉकडाउन में अगर आप अपनी बालकनी या छत पर खड़े हैं, तो खतरा नहीं है।

प्रश्‍न- पुलिसकर्मी, डॉक्टर, स्वास्थ्‍यकर्मी, आदि जब अपने घर जायें, तो क्या सावधानी बरतें?

उत्तर- पुलिसकर्मी, डॉक्टर, स्वास्थ्‍यकर्मी व जरूरी सेवाओं से जुड़े अन्य लोग जो रोजाना बाहर जा रहे हैं वो घर पहुंचने से पहले अपने मास्क व ग्लव्स को डिस्पोज़ करें। अंदर आते ही अच्‍छी तरह हाथ धोएं, और अपने कपड़े बाकी कपड़ों से अलग रखें। नहाने की खास जरूरत नहीं है, क्योंकि यह वायरस कपड़ों से नहीं आता।

प्रश्‍न- क्या बालों से यह वायरस आ सकता है, घर पहुंचते ही क्या मुझे बाल धोने चाहिए?

उत्तर- नहीं! कोरोना वायरस बालों से नहीं लगता है। ना ही यह उड़कर आपके बालों में बैठ सकता है। यह केवल उन्हीं चीजों पर रहता है, जिन पर एक से अधिक लोगों ने हाथ लगाया हो। घर पहुंच कर बाल धोने की खास जरूरत नहीं।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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