लॉकडाउन: स्कूल नहीं लगेंगे फिर भी पढ़ाई – लिखाई से कैसे जोड़ें बच्चों को….? Online पाठ सहित कई विकल्पों पर हो रही तैयारी

Shri Mi
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रायपुर।कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए जिलों में विभिन्न अकादमिक कार्यों की सतत् निगरानी के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अकादमिक सदस्यों को जिलों का आवटंन किया गया है।राज्य में स्कूलों को लंबी अवधि तक बंद होने के कारण विभिन्न वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार किया जा रहा है ताकि स्कूलों का संचालन नहीं होने की स्थिति में भी बच्चों के लिए ऑनलाइन पाठों के अध्ययन जैसे विकल्पों की तैयारी की जा सके। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, सभी प्राचार्य डाईट और सभी जिला मिशन समन्वयक को जिलों में विभिन्न निर्देशित कार्यों को संपन्न करवाए जाने हेतु परिषद के अकादमिक सदस्यों को जिलों का आवंटन किया गया है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप (NEWS) ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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संबंधित जिले के अधिकारियों को इनकी सूची भेजकर निर्देश दिया गया है कि जिले के लिए उत्तरदायी अकादमिक सदस्यों से दूरभाष से संपर्क कर जिले के आकड़ों को उपलब्ध करवाते हुए जिले में बच्चों की उपलब्धि सुधार हेतु सतत् अकादमिक मार्गदर्शन लेकर सतत् संपर्क में रहें। वर्तमान में अपने दायित्यों का निर्वहन अपने आवास से और कार्यालय खुलने पर कार्यालय से किया जाए।

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निर्देशित किया गया है कि परिषद के समस्त सदस्य अपने दायित्यों का निर्वहन अपने निवास से ही वाट्सएप ग्रुप, टेलीग्राम ग्रुप एवं सोशल मीडिया के माध्यम से करें और इसका प्रतिवेदन इन्हीं समूहों में शेयर करें। कोई भी अधिकारी-कर्मचारी लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं करें। निर्देश में कहा गया है कि संबंधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, डाईट प्राचार्य और जिला मिशन समन्वयकों से सतत् संपर्क कर विभिन्न प्रदत्त कार्यों के क्रियान्वयन पर सतत् निगरानी एवं आवश्यक मार्गदर्शन करते हुए स्थिति से अवगत करवाएं। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से विभिन्न पाठों के निर्माण के लिए जिले से कुशल शिक्षकों, व्याख्याताओं की सूची तैयार कर उन्हें वीडियों तैयार करने के लिए मार्गदर्शन और उनके द्वारा तैयार किए जा रहे पाठों का अवलोकन एवं सुधार हेतु सुझाव दें।

संबंधित डाईट को प्रदत्त कक्षा एवं विषय के लिए विभिन्न लर्निंग आउटकम एवं पाठवार वीडियों आदि तैयार करने की दिशा में डाईट द्वारा किए जा रहे कार्यों की नियमित समीक्षा एवं सुझाव देना है। विद्यार्थियों द्वारा इन पाठों के नियमित उपयोग सुनिश्चित करते हुए उनको इन कार्यक्रमों से मिल रहे लाभ का आंकलन किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न गुणवत्ता सुधार योजनाओं के सफल एवं समय पर क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदारी लेते हुए प्रगति से अवगत करवाएं।

संबंधित जिले में शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष कार्य एवं सहयोग करते हुए आगामी राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण के लिए जिलों में आवश्यक तैयारी करवाएं। जिले के शिक्षकों तक त्वरित जानकारी पहुंचाने एवं फीडबैक लेने के लिए प्रारंभिक और हायर सेकेण्डरी स्तर पर कार्य करने वाली सभी अकादमिक सदस्यों का टेलीग्राम ग्रुप बनाकर उन्हें अकादमिक चर्चाओं के लिए सक्रिय रखें।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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