मध्यान्ह भोजन:अबूझमाड़िया पालकों ने परम्परागत दोना में ग्रहण किया बच्चों का सूखा राशन,सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ख्याल

Shri Mi
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नारायणपुर-नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के 568 स्कूल, शाला आश्रमों के बच्चों के 22491 पालकों को 2,24,910 किलो चावल और 40,484 किलो दाल चालीस दिनों के लिए वितरण किया गया है। विकासखण्ड ओरछा (अबूझमाड़) मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर धुर नक्सल हिंसाग्रस्त गांव छोटेटोण्डाबेड़ा में संचालित शाला आश्रम में अध्यनरत बच्चों के अभिभावकों ने परम्परागत तरीके से सिहाड़ी पेड़ के पत्तों से तैयार किये दोना में सूखा राशन ग्रहण किया। खण्ड शिक्षा अधिकारी ओरछा डी.बी रावटे ने बताया कि अबूझमाड़ियां जनजाति के लोगों में यह परम्परा है कि कोई भी शुभ कार्य या देवी कार्य होने पर दोना में चावल-दाल संकलित कर देव स्थल के पास भोजन तैयार करने की परम्परा है। इसी स्थल के आसपास सामूहिक रूप से भोजन ग्रहण करते है. सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप (NEWS) ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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आश्रम अधीक्षक अनुसार बच्चों के पालकों और आश्रम के कर्मचारियों ने स्वयं सिहाड़ी पेड़ के पत्तों से दोना तैयार किया है। इस आश्रम मंे 50 बच्चे पढ़ते है। सभी अविभावकों को कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाव, उसकी रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए साफ-सफाई, हाथों को धोना और एक दूसरे से दूरी बनाये रखने की भी समझाई दी जा रही है। अबूझमड़िया लोग अपने-देवी-देवताओं का स्मरण कर कोराना से लड़ने का संकल्प दौराया। उसके बाद सूखा राशन ग्रहण किया । इस दौरान उन्होंने सामाजिक दूरी बनाये रखी । यह तस्वीरों से साफ-जाहिर है ।

बता दें कि नारायणपुर जिले के सभी 568 प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों, शाला आश्रमों के 22491 बच्चों को पालकों को मध्यान भोजन अंतर्गत 40 दिनों का सूखा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। माध्यमिक शाला के प्रत्येक बच्चें के अविभावक को 4 किलो चावल और 800 ग्राम दाल दी जा रही है। इसी प्रकार माध्यमिक शाला के प्रत्येक बचें के अविभावक को 6 किलो चावल और एक किलो दाल प्रदाय की जा रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण और लॉक डाउन के कारण मध्यान भोजन संचालित नहीं किया जा रहा है। वितरण कार्य में स्कूल प्राधानापाठक, संकुल समन्वयक, शिक्षक और जनिप्रतिनिधियों आदि भी पूरा सहयोग कर रहे है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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