आफतकाल में राहत का नाम पुलिस… नौकरी के साथ जनसेवा..भूखे परिवारों का बन रहे सहारा..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— तुलसीदास जी ने लिखा है…आफत काल परखिए चारी…धीरज धर्म मित्र और नारी। आफतकाल में यह चारो खरे उतरे हो या नहीं..लेकिन पुलिस जरूर खरा उतर रही है। कानून  व्यवस्था के साथ अपने मानवीय जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर रही है। हर तरफ पुलिस के इस चेहरे को लेकर जमकर चर्चा है। चर्चा के बाद जहां कई लोगों का पुलिस के प्रति मिथक टूट रहा है तो कई लोगों के रोंगटे खड़े हो रहे है। और आंख से आंसू भी छलछला जा रहे है। आइए जानते है इन दो घटना के बारे में
 
घटना क्रमांक–1
 
            पहला मामला चकरभाठा थाना क्षेत्र से है। बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे हिर्री ईगल टीम को डायल 112 से जानकारी मिली कि चकरभाठा नयापारा में एक मजदूर के पास रूपए नहीं है। रूपए होने की वजह से घर में राशन भी नहीं है। मामले को ईगल टीम  आरक्षक 1505 संजय विशवास और चालक किशोर साहू ने गंभीरता से लिया। थाना चकरभाठा पहुँच कर ईगल टीम ने रामसाय कश्यप पिता सोहन कश्यप से बातचीत की। रामसाय ने बताया कि वह कमाने खाने के लिए बाहर से आया है।  लॉक डाउन होने से कही पैसे कमाने नही गया। घर में राशन भी नहीं है।  मेरा बच्चा और परिवार कल से भूखे हैं। आरक्षक ने तत्काल रामसाय को चावल, दाल और  सब्जी की व्यवस्था स्वयं के व्यय से किया।
 
घटना क्रमांक—2
 
                  एक दिन पहले  सुबह सवा सात बजे के आसपास 112 कमांड सेंटर से  तोरवा ईगल टीम को जानकारी मिली कि महाराणा प्रताप चौक स्थित एक घर में परिवार पिछले तीन दिनों से भूखा है। राशन कार्ड नहीं होने से घर में एक दाना अनाज भी नही है। जानकारी मिलते ही तोरवा ईगल टीम तत्काल महाराणा प्रताप चौक स्थित मिनी बस्ती, थाना सिविल लाइन पहुँची।  पीड़ित फन्दूलाल टंडन ने ईगदल टीम के आरक्षक 1221 सूर्यकांत राठौर और चालक उत्तम भास्कर को बताया कि वह रोजी मज़दूरी का काम करता है। कमाने खाने के लिए बाहर से आया है। राशन कार्ड नही है और लॉक डाउन होने से पैसे भी नही है। राशन नही होने से  3 छोटे बच्चे और पूरा परिवार भूखा है। पीड़ा को सुनते ही आरक्षक सूर्यकांत राठौर और चालक उत्तम भास्कर ने स्वयं के व्यय पर भूखे मजदूर परिवार को 20 किलो चावल, 2 किलो दाल और सब्जी व्यवस्था की है।
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