बिलासपुर।गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) की माननीय कुलपति महोदया प्रोफेसर अंजिला गुप्ता के कुशल निर्देशन एवं योजनाबद्ध प्रयत्नों से महामारी नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) से लड़ने एवं छात्रों, शिक्षकों एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ को सुरक्षित रखने में उल्लेखनीय प्रयास हो रहा है। महामारी नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के परिणामस्वरूप सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से साफ है कि देश असाधारण परिस्थितियों का सामना कर रहा है। देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है।छत्तीसगढ़ के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते हमारी यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि हम न केवल लोगों को महामारी कोविड-19 से बचाव की सावधानियों एवं उपयों के प्रति जागरुक करें बल्कि सरकार को इस लड़ाई में मजबूती प्रदान करने के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करें।
विश्वविद्यालय के संकल्पित एवं संवेदनशील नेतृत्व के फलस्वरूप यह निर्णय लिया गया है कि विश्वविद्यालय के नियमित शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारी अप्रैल, 2020 के वेतन में से एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड- प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन अस्सिटेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन्स फंड में प्रदान करेंगे। देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अव्हान पर पूरा राष्ट्र एक पंक्ति में इस महामारी से लड़ने के लिए एकजुट हो गया है। इस महायज्ञ में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों द्वारा अपने सामथ््र्य के अनुरूप सहयोग करने का प्रण लिया गया है।
विश्वविद्यालय द्वारा फंड में जमा की जा रही राशि का उपयोग देश में कोरोना से पीड़ित लोगों के बेहतर इलाज, स्वास्थ्य सुविधायों के विस्तार, कोरोना योद्धाओँ को आवश्यकता अनुरूप मदद एवं राष्ट्र को इस महामारी के खिलाफ मजबूत बनाने में होगा। विश्वविद्यालय के लगभग एक हजार से ज्यादा शिक्षक और कर्मचारी अपना एक दिन का वेतन जो लाखों में होगा इस फंड में जमा करेंगे। यह आर्थिक सहयोग इस वैश्विक महामारी से निपटने में सभी के कर्तव्यों के निर्वाहन का सांकेतिक स्वरूप होगा। विश्वविद्यालय परिवार के विभिन्न शैक्षणिक विभागों में कार्यरत लगभग 400 शिक्षक, 300 गैर शैक्षणिक कर्मचारी, 150 संविदा शिक्षक, 130 दैनिक वेतन कर्मचारी एवं 50 ठेके पर कार्य करने वाले कर्मचारी अपना वेतन देकर इस आपदा से निपटने में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करेंगे।