रायपुर।छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पिछले दिनों कॉपियों के मूल्यांकन के लिए आदेश जारी कर दिया है।जारी आदेश के बाद शिक्षकों को घरों में ही कॉपियों का मूल्यांकन करना होगा।मिली जानकारी के अनुसार कॉपियों को जांचने के लिए प्रदेश भर में 4 हजार से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।वही मंडल ने 10 दिन में बोर्ड की करीब 40 लाख कॉपियों को जांचने का लक्ष्य रखा है।लॉक डाउन के कारण माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा की कॉपी जांचने के सिस्टम में बदलाव किया है।शिक्षकों को घर पर कॉपी पहुचाने का फैसला लिया है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे व पाए देश प्रदेश की विश्वसनीय खबरे
नए निर्देश के मुताबिक मूल्यांकन कर्ताओं को कापियां जांचने के बाद इसकी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल में डालनी होगी।इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग की जरूरत है क्योंकि सभी शिक्षकों को यह काम अभी नहीं आता है। जिले के साथ ही प्रदेश के दूरस्थ इलाकों के गांव में नेटवर्क नहीं है। ऐसे मेंयह कार्य समय पर कैसे होगा इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। इधर कॉपियों को जांचने वाले परीक्षकों के लिए मंडल ने पोर्टल भी बनाया है।यह एक ऑनलाइन पोर्टल है। इसमें परीक्षकों को अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड बनाना होगा। साथ ही अपनी पूरी जानकारी दर्ज करनी होगी जिसमें नाम, पता, बैंक खाता मोबाइल नंबर शामिल होगा।वेबसाइट में शिक्षकों को कॉपी के मूल्यांकन को लेकर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है।गौरतलब है कि प्रदेश में 200 केंद्र बनाए गए थे। जहां 26 मार्च से कॉपियों का मूल्यांकन होना था।अब माध्यमिक शिक्षा मंडल ने फैसला लिया है कि यह मूल्यांकन कार्य वर्क टू होम के अंतर्गत मूल्यांकन कर्ताओं से उनके घर से ही कराया जाएगा।लेकिन इसमें कई दिक्कतें भी है। जैसे कि घरों में मूल्यांकन कराने से पहले विभाग को शिक्षकों का निवास पता लेना होगा क्योंकि शिक्षकों की जानकारी केवल नाम और पदस्थ स्कूल तक ही है।मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के घर में उत्तर पुस्तिका पहुंचा कर देना है या किसी भी चुनौती से कम नहीं है।इसके लिए गाड़ियों की आवश्यकता होगी गाइडलाइन के अनुसार वाहन में एक आदमी की तैनाती की जाएगी जो उत्तर पुस्तिकाओं को घर तक पहुंचा कर देगा और पावती लेना ताकि गोपनीयता बरकरार रह सके।