बिलासपुर—पूर्व मुख्यमंत्री जोगीजी ने कहा है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदीजी ने बड़े जोर-शोर के साथ जन-धन योजना को लांच किया। खूब प्रचार-प्रसार किया गया। विदेशों तक में मोदी ने कहा कि उनके आव्हान पर जनता ने 15 करोड़ खाते खुलवा लिए हैं। निशुल्क खाते खोलने की घोषणा के बावजूद 17 हजार करोड़ रूपये जमा हो गए हैं। जबकि वास्तविकता कुछ और है।
जोगी ने बताया कि 17 हजार करोड़ रूपये जमा करवा लेने का श्रेय बैंकों को जाता है। जिन्होंने खाता खोलने वालों को धन जमा के लिए प्रोत्साहित किया। योजना शुरू करते वक्त कोई शर्त नहीं थी मगर बाद में शर्तें जोड़ी गईं कि योजना का लाभ वे प्राप्त नहीं कर सकेंते जो केन्द्र और राज्य के कर्मचारी और उनका परिवार, केन्द्र और राज्य के रिटायर्ड कर्मचारी और उनका परिवार, आयकर रिटर्न भरने वाले हैं। अगर बैंक की किसी योजना में पहले से बीमा है तो, जनधन बीमा का लाभ खाते में 50,000 रूपये सालाना ट्रान्जेक्शन करने वाला, और एक परिवार से सिर्फ एक व्यक्ति को ही लाभ मिल सकेगा।
जोगी ने बताया कि मोदी सरकार ने बाद में इस योजना के साथ दुर्घटना बीमा और जीवन बीमा योजना भी जोड़ दिया है जो कि मात्र छलावा है जो फ्लाप भी हो चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में में अब तक सिर्फ देश में 8000 लोगों को ओव्हर ड्राफ्ट, वह भी औसत सिर्फ 2500 नकद प्राप्त हुए हैं। 15 करोड़ खाता धरकों में सिर्फ 40 हजार पात्र हैं। इसी तरह दुर्घटना बीमा के तहत सिर्फ 108 लोगों को और सिर्फ 152 लोगों को जीवन बीमा का लाभ मिला है।
जोगी के अनुसार मोदी सरकार की मुद्रा योजना गोल्ड मोनेटाईजेशन, स्वर्ण बांड, स्वर्ण सिक्के की योजना भी फ्लाप हो चुकी है। मोनेटाईजेशन योजना के तहत अब तक सिर्फ 400 ग्राम सोना जमा हो सका है। इतना ही नहीं, सिक्के का भाव 26,500 रूपये रखा गया है जिसके चलते आम जनता सोने की गिरती कीमतों से वंचित हो जावेगी।
उन्होंने कहा कि जनता के हित में यह योजनाएं केवल मृग-तृष्णा हैं। आज भी जनता काले धन के रूपयों की इंतजार कर रही है। जो कि सिर्फ सपना बनकर ही रह जाएगा।