बिलासपुर—-रिपब्लिक टीवी पत्रकार मुखिया अर्णब गोस्वामी के खिलाफ छत्तीसगढ़ और कुछ दूसरे राज्यों में कांग्रेसियों ने एफआईआर दर्ज कराया है। एफआईआर की कार्रवाई रोकने के लिए अर्णब गोस्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने तीन हफ्ते के लिए स्थगन आदेश जारी किया है। इस प्रकार किसी राज्य की पुलिस तीन सप्ताह तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगी।
अर्णब गोस्वामी की तरफ से एक दिन पहले रात 8 बजे सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। शुक्रवार सुबह जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की अदालत में कार्रवाई के लिए रखा गया। सुबह अर्णब के वकील मुकुल रोहतगी के तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह का स्थगन आदेश दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित तौर पर लाइव टीवी पर अपमानजनक टिप्पणी करने और साम्प्रदायिकता फैलाने के आरोप को लेकर दर्जनों एफआईआर देश के कई राज्यों में दर्ज किए गए हैं। गिरफ्तारी से बचने रिपब्लिक टीवी एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। टीवी संपादक अर्णब की ओर से दायर याचिका पर सुबह सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह ने सुनवाई की।
अब तीन हप्ते के अन्दर अर्णव गोस्वामी सभी राज्यों में अपने लिए जमानत याचिका लगा सकते हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में बताया कि नागपुर में दर्ज मामले को मुम्बई शिफ्ट किया जाए।
मामले में कांग्रेस छत्तीसगढ़ की तरफ से विवेक तन्खा, महाराष्ट्र की तरफ से कपिल सिब्बल, राजस्थान की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की है।
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