बिलासपुर—रिपब्लिक टीवी एडिटर अर्नब गोस्वामी के खिलाफ छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के थानों में दर्ज एफआईआर को लेकर पुलिस आगामी तीन सप्ताह तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगी। लेकिन इस दौरान अर्नव गोस्वामी को गिरफ्तारी से बचने जमानत लेना जरूरी है। इस बात की जानकारी प्रदेश कांग्रेस लीगल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संदीप दुबे ने दी है।
संदीप दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न थानों में दर्ज एफआईआर खिलाफ गिरफ्तारी से बचने के लिए अर्णव गोस्वामी को जमानत लेना जरूरी है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह का स्थगन दिया है। इस दौरान बेशक अर्णव की गिरफ्तारी नहीं होगी। लेकिन इसके बात पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इन तीन सप्ताह के भीतर गोस्वामी को गिरफ्तारी से बचने के लिए जमानत लेना जरूरी है।
सोनिया गांधी पर टिप्पणी और राहुल गांधी के प्रेस वार्ता को गलत तरीके से पेश करने को लेकर संदीप दुबे ने भी सिविल लाइन थाने पर एफआईआर दर्ज कराया है। शिकायतकर्ता प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष और अधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक नागपुर में अर्णब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज मामले को मुम्बई स्थानांतरित किया जाए। जबकि छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रदेशों में दर्ज एफआईआर में से किसी को भी निरस्त नहीं किया गया है।
संदीप ने कहा कि यह सच है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार तीन सफ्ताह के अन्दर एफआईआर पर पुलिस आगे की कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इसके लिए गोस्वामी को अलग-अलग सत्र न्यायालयों में अथवा हाईकोर्ट में आवेदन करना पड़ सकता है। दुबे ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर भी गोस्वामी के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। अभी कार्रवाई से कोई रोक नहीं है।
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