अहमदाबाद।कोरोना के सफल इलाज में प्लाज्मा थेरेपी एक नई आशा की किरण बन कर आई है । इस तकनीक से अहमदाबाद में दो कोरोना के मौजूदा मरीज की तबीयत में तीन दिनों में ही सुधार है। कोविड 19 से ठीक हो चुके व्यक्ति की एंटी बॉडीज की बदौलत अब इन्हे ऑक्सीजन की जरूरत कम पड़ रही है। कोरोना के मरीजों का इलाज अब इस बीमारी से ठीक हुए लोगों के प्लाज्मा से भी होगा। अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल इस अत्याधुनिक अस्पताल ने एक बड़ी सफलता पाई है । 50 साल के दो covid19 पेशंट, एक दूसरे ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा की बदौलत अब स्वस्थ महसूस कर रहे है । शुरू में इन्हे काफी ऑक्सीजन पर रखना पड़ रहा था लेकिन अब इन्हे ऑक्सीजन की कम जरूरत पड़ रही है । इस परिणाम से यहां के डॉक्टर और गुजरात सरकार खुश हैं.सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
17 अप्रैल को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल से अनुमति मिलने के मात्र एक हफ्ते में ये सफलता मिली है। बिना किसी देरी के गुजरात देश का पहला राज्य बना जिसने 18 अप्रैल को प्लाज्मा लेना शुरू किया । ठीक हो चुके दो डॉक्टर्स के प्लाज्मा को 50 वर्ष के दो मरीजों- एक पुरुष और एक महिला को तीन दिन पहले मंगलवार को दिया गया ।
आपको बता दे कि ये अस्पताल एक हफ्ते से covid 19 के मरीजों का इलाज कर रहा था, लेकिन नया परिणाम काफी उत्साहजनक रहा । दरअसल प्लाज्मा में एंटी बॉडीज होती है जो शरीर खुद बनाता है वायरस से लड़ता रहता है । देश में सबसे पहले गुजरात राज्य ने क्लीनिकल ट्रायल्स में ये सफलता पाई है । केरल और दिल्ली के कुछ अस्पताल भी इसी तरह का प्लाज्मा ट्रीटमेंट कर रहे हैं ।
डी डी न्यूज ने अपनी स्टोरी में शुक्रवार को बताया था कि प्लाज्मा थेरेपी क्या होती है। 18 साल से 55 साल का कोई भी पुरुष जो कोरोना से ठीक हो चुका है प्लाज्मा दे सकता है। सभी अविवाहित महि या विवाहित लेकिन जिसके बच्चे ना हो ऐसी महिला प्लाज्मा दे सकती हैं । इसी तरह प्लाज्मा कोरोना के बहुत गंभीर और बहुत कम लक्षणों वाले मरीजों को नहीं दिया जा सकता । औसत लक्षणों वाले covid19 पेशंट को प्लाज्मा से ठीक किया जा सकता है ।