भत्ता कटौतीः PR ने कहा..तुगलकी फरमान का मेहनतकश करेंगे विरोध.. छद्म राष्ट्रवादियों की खुलेगी पोल..नहीं टूटने देंगे सेना और जवानों का मनोबल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- कर्मचारी नेता पीआर यादव ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार का महंगाई राहत भत्ता रोकना मोदी सरकार का शर्मनाक निर्णय है। हम इस निर्णय का सख्ती के साथ विरोध करते हैं। यादव ने कहा कि आज प्रतनिनिधिमंजल ने मुख्यमंत्री को मिलकर निर्णय के खिलाफ लिखित विरोध किया है। साथ जिला स्तर पर भी कलेक्टर के माध्यम से कर्मचारियों ने सीएम और पीएम के नाम लिखित विरोध पत्र थमाया है।
 
           कर्मचारी नेता पीआर यादव ने कहा कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत रोकने से सामान्य कर्मचारियों के साथ ही सैनिकों और उनके परिवार का मनोबल टूटेगा। यादव ने बताया कि प्रांतीय निकाय ने निर्णय लेते हुए 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। लिखित नाराजगी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री के नाम पत्र में बताया कि महंगाई -भत्ते पर जुलाई 2021 तक रोक लगाने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।
 
             यादव ने कहा कि मोदी सरकार के महंगाई भत्ता और महंगाई राहत रोकने के निर्णय से सेना और सुरक्षा बलों के सैनिकों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। सुरक्षा बल और सैनिक देश के सच्चे सेवक संरक्षक हैं। आतंकवादी और नक्सलियों से देश को हमेशा सुरक्षित रखा है। लड़ते हुए शहीद महंगाई भत्ता कटौती के चलते सैनिक परिवार के पेंशन राहत भत्ते पर भी असर पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि मोदी सरकार अपने फैसले पर गंभीरता से पुनर्विचार करे।
 
         छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ प्रमुख पीआर यादव और जीआर चन्द्रा ने बताया कि देश के सीमाओं की रक्षा हमारे जवान जान की कीमत पर करते हैं। आतंकवादी नक्सलियों से जूझते हुए देश को सुरक्षित रखते हैं। बावजद इसके जवानों के महंगाई भत्ते पर रोक समझ से परे है। निश्चित रूप से मोदी सरकार का निर्णय अत्यंत शर्मनाक है।
 
             पीआर यादव और चन्द्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार के तुगलकी फरमान का सबसे पहले विरोध किया है। हमने पहले ही आगाह कर दिया था कि केंद्र सरकार के इस निर्णय को राज्य सरकारें भी लागू करेगी। उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल की सरकारों ने महंगाई भत्ता रोकने का आदेश भी जारी कर दिया है। यदि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार होती तो शायद अब तक आदेश जारी भी हो चुका होता। 
 
              यादव ने कहा कि देश के प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मोदी सरकार के महंगाई भत्ता रोकने के आदेश को असंवेदनशील, अमानवीय एवं गैरजरूरी बताया है।
 
            महंगाई -भत्ता रोकने के निर्णय से साफ जाहिर हो रहा है कि मोदी सरकार दिवालिया होने के कगार पर है, लेकिन ऐसा नहीं है। राष्ट्रीयकृत बैंकों का लाखों करोड़ रुपए  ऋण लेकर डिफाल्टर में उद्योगपति मित्रों को मदद करने के लिए भत्तों में कटौती की जा रही है। प्रधानमंत्री केयर फंड जिसमें एक हफ्ता पूर्व तक 15000 करोड़ से ऊपर की राशि एकत्रित हो गयी। इसका उपयोग भी कहां और कैसे होता है, इसके लिए बस इंतजार करने की जरूरत है।
 
                       यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राष्ट्रवाद के नाम पर सत्ता में बैठी केंद्र सरकार दरअसल पूंजीपतियों की संरक्षक है। इसलिए अधिकारों की रक्षा के लिए मेहनतकश वर्ग के सामने  एकमात्र रास्ता संघर्ष है। हमारे प्रतिनिधि मंजल ने सीएम को लिखित शिकायत कर अपनी भावनाओं को जाहिर किया है। साथ ही प्रधानमंत्री के नाम प्रदेश के सभी जिला संगठनों ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखकर फैसले के खिलाफ संघर्ष का संकेत दिया है।
 
       यादव ने यह भी बताया कि हम केन्द्र सरकार को मंसूबों पर कामयाब नहीं होने देंगे। राष्ट्रवाद और छद्मराष्टावाद की पोल खोलकर रहेंगे।

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