आखिर किस दबाव में थे कलेक्टर झा.. फरियादी महिला SDM को ही पद से हटा दिया..अब सीएमओं से जांच का आदेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-वाड्रफनगर महिला एसडीएम मामला तूल पकड़ लिया है। यद्यपि कलेक्टर झा ने एसडीओपी को नोटिस जारी कर तीन दिन के अन्दर जवाब मांगा है। इधर मुख्यमंत्री कार्यालय से एक पत्र जारी हुआ है। कलेक्टर को निर्देश दिया गया है कि तीन दिन के अन्दर लगाए आरोप की जांच कर रिपोर्ट पेश करें।वहीं अब सवाल भी उठने लगे है कि जब महिला एसडीएम ने कई बार कलेक्टर से एसडीओपी की नीयत और अकर्मण्यता को लेकर शिकायत की थी। उस समय कलेक्टर ने एसडीओपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की। जबकि महिला एसडीएम  ने बताया थआ कि एसडीओपी गाली गलौच के साथ भद्दे इशारे भी करता है। लेकिन कलेक्टर ने महिला एसडीएम को ही पद से हटा दिया गया। अब एसडीओपी को नोटिस जारी कर कलेक्टर क्या बताना चाहते हैं।

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                        बलरामपुर कलेक्टर ने मामला तूल पकड़ते देख एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल को नोटिस जारी कर तीन दिन के अन्दर जवाब मांगा है। बताते चलें कि महिला एसडीएम ज्योति ने एसडीओपी पर मानसिक प्रताड़ना, लज्जा और स्वाभिमान भंग करने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर को पत्र लिखा था। महिला एसडीएम ने पत्र में बताया कि एसडीओपी की नीयत उसके खिलाफ प्रति ठीक नहीं है। वह पुरूष मानसिकता से कुंठित है। अधिकारियों के सामने ही गाली गलौच करता है।

         महामारी के दौरान उसने कोरोना संदिग्धों को ना केवल शरण दिया..बल्कि जानकारी को भी छिपाया था। बताए जाने के बाद भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी। उल्टा कलेक्टर ने  समन्वय से काम करने को कहा। इसके चलते एसडीओपी के हौसले बुलन्द हो गए। एक आईपीएस को बिना जानकारी दिए उसके कमरे का ताला खोलकर रूकवाया गया। जब मौके पर पहुंची तो दूसरे व्यक्ति को देखकर हड़बड़ा गयी। 

                   इसके बाद एसडीओपी ने आईपीएस के सामने भी गाली गलौच करते हुए जमकर लताड़ा। स्थानांतरण करवाने की भी धमकी दी। जब एसडीएम ने मामले की लिखित शिकायत की तो कलेक्टर ने एसडीएम को ही हटा दिया। मामले तूल पकड़ते देख कलेक्टर ने अब  कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।   

          बताते चलें कि महामारी एक्ट लागू होते ही एसडीएम अपने क्षेत्र में सबसे बड़ा अधिकारी होता है। एसडीओपी स्तर से लेकर पुलिस विभाग को उसके ही दिशा निर्देश में ही काम करना होता है। जाहिर सी बात है कि एसडीएम नीतियों बनने वाले समूह का हिस्सा होता है। पुलिस नीतियों को लागू करने के लिए होती है। लेकिन एसडीओपी जायसवाल ने महिला एसडीएम को हमेशा जलील किया। जबकि पुलिस प्रशासन को अच्छी तरह से जानकारी है कि इस समय एसडीएम के पास असीम अधिकार हैं। कार्रवाई भी हो सकती है। बावजूद इसके एसडीओपी ने बदतमीजी की। अन्दर खाने की बातों पर विश्वसा करें तो कलेक्टर को नोटिस जैसा कदम पहले ही उठा लेना चाहिए था।

             बताते चलें कि महिला आदिवासी समाज से आती है। महिला भी है। ऐसे में एसडीओपी पर लगाए गए आरोप काफी गंभीर है। 

  एसडीओपी को नोटिस

            कलेक्टर ने एसडीओपी को नोटिस जारी किया है। तीन दिन के अन्दर जवाब पेश करने को कहा। साथ ही उचित कार्रवाई का संकेत भी दिया है।

सीएमओ से निर्देश..कलेक्टर करेंगे जांच

                   मुख्यमंत्री कार्यालय से बलरामपुर कलेक्टर को पत्र भेजा गया है। पत्र में बताया गया है कि कलेक्टर महिला शिकायतों की जांच करें। तीन दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करें।

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