कोचियों के बहाने सरकार बेचने लगी शराब..हाय रे भाजपा..अब कर रहे गंदी राजनीति..कांग्रेस नेता ने कहा..तब किसानों की चिंता क्यों नहीं की गयी..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कोरोना काल विपदा के बीच मजदूरों ने काम धाम  शुरू कर दिया है। मजदूरों की सुरक्षा को लेकर शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लगातार सक्रियता देखने को मिल रही है। इसी क्रम में जिला पंचायत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सभापति अंकित गौरहा की भी सक्रियता मजदूरों के बीच लगातार बनी हुई है। बुधवार को उन्होने तेंदूपत्ता मजदूरो के बीच पहुंचकर मास्क और सेनेटाइजर का वितरण किया। साथ ही सभी को सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देश को कड़ाई से पालन करने के लिए कहा।
 
        बेलतरा विधानसभा के वनांचल क्षेत्र ग्राम पंचायत बाँका मे जिला पंचायत सभापति स्वास्थ एवं परिवार कल्याण अंकित गौरहा तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों के बीच पहुंचे। उन्होंने सभी से बातचीत की। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का पालन करने का कड़ाई से निर्देश दिया। अंकित गौरहा ने एक-एक मजदूरों और क्षेत्र के आदिवासियों को मास्क दिया। साथ ही निर्देश दिया कि एक दूसरे दूरी बनाकर रखें। अंकित गौरहा ने सेनेटाइजर का भी वितरण किया। 
 
                 अंकित गौरहा ने बताया कि ग्राम पंचायत बाँका मे तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य चल रहा है। यह काम शासन की तरफ से ग्रामीण अंचल के सभी परिवारों के बीच राहत कार्य के तौर पर चलाया जा रहा है। लोग एकजुट होकर तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य कर रहे हैं।
 
             बताते चलें कि क्षेत्र से लगातार जानकारी मिल रही थी  कि वन विभाग बीट गार्ड लगातर अनुपस्थित रहता है। जिसके कारण ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मामले की जानकारी ग्राम तेंदूपत्ता संग्रहण समिति उपाध्यक्ष संतोषी राज ने जिला पंचायत सदस्य अंकित गौरहा को दी। अंकित गौरहा ने ग्राम पंचायत बाँका पहुचकर वन विभाग के रेंजर और एसडीओ को निर्देशित किया कि तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में लगे ग्रामीणों को मास्क वितरित किया जाए। 
 
                        मामले में गौरहा ने बताया कि देश भयंकर कोरोना आपदा से गुजर रहा है। आफत काल में लोगों को मिलजुलकर कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा। ऐसे समय में राजनीति करना ठीक नही है। हम सभी लोग कोरोना महामारी का सामना कर रहे है। बावजूद इसके भूपेश सरकार ने जनहित कार्य का दरवाजा खोला है।  और भाजपा नेताओं को घटिया राजनीति से फुरसत नहीं है।
 
         अंकित ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ कुछ सांसद और विधायक शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। किसानों के हितैषी बनकर राजनीति कर रहे हैं। ऐसे कठिन समय मे राजनीति करना ठीक नहीं। जबकि समय है लोगों के पेट में अनाज डालने का। गौरहा ने कहा कि प्रदेश में 15 साल तक भाजपा की सरकार थी। लेकिन कभी भी शराबबंदी की पहल नही हुई। कोचियों को खत्म के नाम सरकार ही शराब बेचने लगी। यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांडने जैसी बात हो गयी। 
 
                       अंकित गौरहा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता सत्ता  के भूखे हैं। विपक्ष में आते ही  किसानों की चिंता सताने लगी।
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