सूरजपुर।कोरोना काल मे शिक्षा विभाग ने छात्रो को पढ़ने के लिए जो आन लाइन पोर्टल cgschool.in के माध्यम से आन लाइन पढ़ाई तुंहर द्वार कार्यक्रम चलाया है उसमें एक और नया प्रयोग किया है। इसके अंतर्गत पढ़ाई तुंहर द्वार शिक्षा पोर्टल के प्रचार प्रसार की कमान अब शिक्षको को ही सौप कर मिडिया प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। ब्लॉक स्तर तक के शिक्षक अब मीडिया में ब्लाक तक किये गए नवचार के कार्य की रिपोर्ट बना कर भेजेंगे। जिसे लिए ब्लाक स्तर पर चार शिक्षको का चयन किया गया है। मीडिया प्रकोष्ठ को प्रतिदिन समाचार प्रसारित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
मालूम हो कि कोरोना वायरस के प्रभाव से विद्यालयों को समय से पहले बंद कर दिया गया है ऐसी स्थिति में शासन के द्वारा “पढ़ई तुहर दुआर कार्यक्रम” के माध्यम से कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के द्वारा पढ़ाई से जोड़े रखने की कवायद पूरे छत्तीसगढ़ प्रवेश में की जा रही है ।मिल रही जानकारी के मुताबिक सूरजपुर विकासखंड में “पढ़ई तुंहर द्वार कार्यक्रम” के अंतर्गत कुल पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या 85921, कुल पंजीकृत शिक्षकों की संख्या 5517, कुल निर्मित वर्चुअल कक्षाओं की संख्या 1989 है! अभी तक विद्यार्थियों द्वारा 224 असाइनमेंट अपलोड किए गए हैं जिसमें से 203 को शिक्षकों के द्वारा चेक कर लिया गया है। इसी प्रकार विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए 36 में से 23 शंका समाधान कर लिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार राय ने बताया कि में सूरजपुर विकासखंड के सभी 22 संकुल में मास्टर ट्रेनर एवं विषय विशेषज्ञों के द्वारा बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है एवं उनके असाइनमेंट को चेक करने के पश्चात उनके शंका का समाधान भी किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जिले स्तर पर समय सारणी प्रसारित कर सिस्को वेबैक्स मीटिंग ऐप के माध्यम से इंटरएक्टिव कक्षाओं का संचालन भी विकासखंड सूरजपुर में किया जा रहा है इसमें बच्चे डायरेक्ट शिक्षक से संपर्क में आते हैं वह उनको देख सकते हैं सुन सकते हैं और अपनी समस्याओं का तत्काल समाधान प्राप्त कर पा रहे हैं।
विकास खंड शिक्षा अधिकारी केसी साहू ने बताया कि हमारे यहां सभी ग्राम पंचायतों में शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा कोरोना वायरस का सर्वे कार्य किया जा रहा है इन शिक्षकों के माध्यम से डोर टू डोर इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु भी बच्चों एवं उनके परिजनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।