बिलासपुर।कोरोना कोविड-19 वायरस के कहर के दौरान बिलासपुर जिले के शिक्षकों को अहमदाबाद,दिल्ली,और महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासी मजदूरों के साथ बिना सोशल डिस्टेंसिंग के उनके साथ बैठाकर सफर करते हुए बिलासपुर रेल्वे स्टेशन से उनके गन्तव्य गाँव के कोरेन्टाइन सेंटर में छोड़ने भेज़ा जा रहा है। अधिकारी शिक्षकों से यह काम करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय नेता शिव सारथी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि बिलासपुर के सभी समस्त विकासखंड के बहुत से शिक्षक व सहायक शिक्षक विकास खण्ड शिक्षाधिकारी के आदेशानुसार कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं। कोटा ब्लॉक के शिक्षको ने उनसे शिकायत की है कि ट्रेनों से आने वाले विभिन्न प्रान्त के मजदूर लगातार आ रहे है । जिनको 14 दिवस के लिए कोरेन्टाइन किया जाना है. सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
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जहाँ से वे बिना शासन प्रशासन के इजाजत के अपने घर नही जा सकेंगे । परन्तु इनकी व्यवस्था के लिए जिन शिक्षको की ड्यूटी लगाई गयी है, उन्हें इनके साथ ही बस में बैठाकर उच्च अधिकारियो द्वारा भेजा जाना शिक्षकों के और उनके परिवार के जान से खिलवाड़ है । क्योंकि शिक्षक बिना ठोस सुरक्षा के मजदूरों के साथ ही यात्रा करने को मजबूर है और ये शिक्षक ड्यूटी उपरांत सीधे अपने घर जाते है । वे अपने परिवार सहित आस पड़ोस के सम्पर्क में आते है । जिससे शिक्षकों के साथ समुदाय में भी कोरोना संक्रमण फैलने का गम्भीर संकट खड़ा हो गया है । क्योकि ट्रेन से आये कई मजदूर सस्पेक्टेड हैं।
संघ के साथ ड्यूटी में कार्यरत शिक्षको का यह भी आरोप है कि शिक्षा विभाग की तरफ से उनकी ड्यूटी तो लगा दिया गया है और वे दो दिवस से सुबह से शाम तक अपनी सेवा भी दे रहे है । बिलासपुर रेल्वे स्टेशन से मजदूरों को दूरदराज गाँवो तक छोड़ने भी जाते है जिसमें सुबह से देर शाम हो जाती है। पर स्थानीय प्रशासन और विभाग द्वारा न तो भोजन की व्यवस्था की गई है न ही नास्ते का इंतज़ाम है। इस प्रकार शिक्षक सुबह से शाम तक खाली पेट ही चिलचिलाती धूप में ड्यूटी कर रहे है जो अमानवीय पहलू है । साथ ही उन्हें मास्क,ग्लोब्स और सेनेटाइजर भी उपलब्ध नही कराया गया है । वे सब अपने स्वयं के खर्चे से व्यवस्था कर रहे है।
फेडरेशन नेता शिव सारथी ,जो स्वयं इस ड्यूटी में सलग्न है शासन से माँग की है कि सबसे पहले बसों में यात्रा करने की बाध्यता खत्म किया जाए या फिर डॉक्टरों की भांति पीपीई किट उपलब्ध कराया जाए। राज्य सरकार 50 लाख का बीमा कवर दे।अपने स्वयं के साधन का उपयोग करते हुए मजदूरों को छोड़ने की बात मानी जाए। (बस के साथ-साथ अपने वाहन से यात्रा करने) कार्यरत शिक्षकों के लिए संक्रमण बचाव के संसाधनों सहित भोजन पानी उपलब्ध कराया जाए। शिक्षको को विशेष कोरोना भत्ता दिया जाए ।एक ही कर्मचारी/शिक्षक से लगातार ड्यूटी करने के बजाय बदल-बदल कर कार्य कराया जाए।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन बिलासपुर के पदाधिकारी रंजीत बनर्जी,शिव सारथी,अश्वनी कुर्रे, प्रांतीय पदाधिकारी जिलाध्यक्ष ढोला राम पटेल सचिव विनोद कोशले,उपाध्यक्ष सन्तोष गढ़ेवाल,प्रकाश बंजारे,सन्तोष बंजारे,वीरेंद्र यादव,दशमत जायसवाल,, मनोज कुर्रे,विनोद गोयल,ब्लाक अध्यक्ष, प्रमोद कीर्ति,अशोक कुर्रे,राजकुमार कोरी,सतीश कौशिक,पंकज केशकर,सहित जिले के तमाम पदाधिकारियो ने मांग की है कि अगर शासन इस ओर ध्यान नही दिया तो सभी शिक्षक कोरोना ड्यूटी का बहिष्कार करने बाध्य होंगे।