VIDEO-प्रवासी मजदूरों का दर्द: 80 हजार रुपए में बस किराया कर फिरोजाबाद से मुंगेली पहुंचे…मजदूरों के कदमों से पिछड़ रही सरकार

Shri Mi
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मुंगेली(अतुल श्रीवास्तव)-कही न कही सरकार भी इन मजदूरों के कदमो से पिछड़ती हुयी नजर आ रही है.विश्व महामारी नोवोल कोरोना वायरस का प्रकोप अब हमारे देश भारत में भी देखने को मिल रहा है.इसकी दहशत इतनी बढ़ चुकी है कि बाहर कमाने खाने के लिए गए मजदूर अब अपने घरों की और बढ़ते नजर आ रहे है. समय की रफ्तार भी इन मजदूरों को चलते हुए कदमो को नहीं रोक पा रही है. आज भारत सरकार मजदूरों को अपने घर लाने की व्यवस्था में जुटी हुई है. वही मजदूरों का जो डर है वो सरकार की व्यवस्था को पीछे छोड़ चुकी।अनेक राज्यो में फंसे मजदूर अपने राज्य में आने के लिए अब सरकार के व्यवस्था का इंतजार नहीं कर रहे।वो अब खुद ही अपनी व्यवस्था को पहले महत्व देते नजर आ रहे है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप न्यूज़ ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

             
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कल भी कुछ मजदूर फिरोजाबाद से खुद के पैसो से गाड़ी किराया कर के मुंगेली पहुँचते हुए नजर आये। जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने हमें बताया कि वो सरकार भेजे जाने वाली गाड़ियों का इंतजार कर के थक चुके थे।उनकी भूख और प्यास भी उन्हें डराने लगी थी .इसी डर से कही वो अब इस महामारी में और न फस जाये इसलिए हिम्मत जुटा के मजदूर अपने घर आने को विवश हो गए।और आनन फानन में जो भी गाड़ी उन्हें मिली जितना भी उन्हें किराया लगा उस बात की चिंता ना करते हुए वो अपने घर के लिए निकल गए।

जब हमने उनमे से एक मजदूर से पूछा की आप ने फिरोजाबाद से मुंगेली आने के लिए कितना किराया दिया तो उसने हमें बताया कि गाडी में मुंगेली के आस पास के जितने मजदूर है और कुछ बेमेतरा, बलौदा भी जाने वाले लोगो ने आपस में पैसे इकट्ठा किया और 80000 उन्होंने फिरोजाबाद से मुंगेली आने का किराया दिया है ।जब हमने उनसे ये जानने की इच्छा जाहिर कि वहा आप को वहा कितना मजदूरी मिल जाता है तो उसमें से एक मजदूर ने हमे बताया कि 350 या 400 रूपये में वहा काम कर के कमा लेते है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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