बिलासपुर कलेक्टर की पहल पर भरनी – मोपका धान संग्रहण केंद्रों में हमाली समस्या का समाधान , मुंगेली प्रशासन की उदासीनता से समस्या बरकरार

Chief Editor
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बिल्हा ( सुरेश केडिया ) ।  धान संग्रहण केंद्रों से धान के उठाव के दौरान निर्धारित दर से अधिक हमाली की वसूली को लेकर राइस मिलर्स ने प्रशासन से गुहार लगाई थी। इस पर बिलासपुर जिला कलेक्टर की पहल पर भरनी और मोपका संग्रहण केंद्रों में मंगलवार को समस्या का समाधान कर दिया गया ।लेकिन मुंगेली जिला प्रशासनके प्रयासों का अब तक कोई नतीज़ा नहीं निकल सका है। ।जिससे इस जिले के संग्रहण केंद्रों में समस्या अब भी बनी हुई है। इसे देखते हुए तत्काल ठोस पहल की आस राइस मिलर्स लगाए हुए हैं।
 संग्रहण केंद्रों से धान उठाव के लिए निर्धारित हमाली दर से अधिक की वसूली राइस मिलों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है।  इस मामले में बिचौलियों की भूमिका को लेकर राइस मिलर्स ने प्रशासन से गुहार लगाई थी। जिसके बाद बिलासपुर जिला कलेक्टर ने मंगलवार को त्वरित पहल की और एसडीएम ने इस मामले को संज्ञान में लिया । जिससे बिलासपुर जिले के भरनी और मोपका धान संग्रहण केंद्रों में साढ़े तीन रुपए  हमाली दर का परिपालन शुरू हो गया है। बिलासपुर जिले में बिल्हा और सेमरताल धान खरीदी केंद्रों में अभी भी समस्या बनी हुई है ।राइस मिलर उम्मीद कर रहे हैं कि बिलासपुर कलेक्टर के निर्देशन में शीघ्र ही इन दोनों संग्रहण केंद्रों में भी हमाली दर को लेकर चल रही समस्या का समाधान हो जाएगा ।
उधर मुंगेली जिले में भी यह समस्या बनी हुई है। वहां भी राइस मिलर्स ने जिला कलेक्टर से गुहार लगाई थी । ज़ानकारी मिली है कि मुंगेली खाद्य विभाग की ओर से सोमवार को बैठक बुलाई गई थी । जिसमें राइस मिलर्स और मज़दूरों को भी बुलाया गया था। लेकिन यह बैठक बेनतीज़ा रही और कोई समुचित हल नहीं निकल सका। खाद्य विभाग की इस बैठक के बाद राइस मिलर्स कलेक्टर से भी मिले थे। उन्होने भरोसा दिलाया है कि – इस बारे में बात करेंगे। माना जा रहा है कि इस तरह की समस्या के समाधान के लिए बिलासपुर जिले की तरह प्रशासनिक स्तर पर पहल की ज़रूरत है। प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता के बिना इसका हल नहीं निकाला ज़ा सकता। मुंगेली जिले में तीन धान संग्रहण केंद्र हैं। जहां बिचौलियों की मनमानी अब भी जारी है। राइस मिलर उम्मीद कर रहे हैं कि बिलासपुर जिला प्रशासन की तरह मुंगेली जिला प्रशासन भी इस दिशा में ठोस कार्यवाही करेगा। जिससे वहां भी समस्या का निराकरण हो सके और समय पर धान का उठाव कर राइस मिलर्स धान की मिलिंग कर सकें। यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो हजारों क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सकेगा और इसका खामियाजा शासन को भुगतना पड़ सकता है।

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