डा. रमन ने निःशक्तों को दीं कई सौगातें

Chief Editor
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रायपुर ।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह राजधानी रायपुर में अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में विभिन्न योजनाओं के तहत निःशक्तजनों को पुरस्कार वितरित कर अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि निःशक्तजनों में भी सामान्य लोगों की तरह रचनात्मक प्रतिभा होती है। जरूरत इस बात की है कि हम सब मिलकर उन्हें प्रोत्साहित करें, उनमें स्वाभिमान और आत्म विश्वास जागृत करें।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग ने आज से प्रदेश के निःशक्तजनों के लिए ‘क्षितिज अपार संभावनाएं’ नामक एकीकृत योजना की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री ने इस योजना की घोषणा करते हुए बीती रात आयोजित समारोह में निःशक्तजनों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण सौगातों का ऐलान किया। उन्होंने दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक पाने वाले निःशक्त बच्चों को प्रति वर्ष क्रमशः दो हजार और पांच हजार रूपए, आई.टी.आई. पॉलिटेक्निक और स्नातक कॉलेज स्तर पर अध्ययन करने वाले निःशक्त विद्यार्धियों को प्रति वर्ष छह हजार रूपए और मेडिकल तथा तकनीकी शिक्षा में ग्रेजुएशन कर रहे विद्यार्थियों को 12 हजार रूपए प्रति वर्ष की मान से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। उन्होंने इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले निःशक्त बच्चों और निःशक्त कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने समारोह में कहा कि निःशक्त प्रतियोगिओं को सिविल सेवा में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर प्रतियोगी को 20 हजार रुपए, मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने पर तीस हजार रुपए और सिविल सेवा में चयन होने पर 50 हजार रुपए की राशि मिलेगी। इस प्रकार सिविल सेवा परीक्षाओं में अंतिम रूप से चयनित होने पर प्रतियोगी को कुल एक लाख रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी। इसके साथ ही निःशक्त व्यक्तियों के लिए छात्रगृह योजना के तहत पांच बच्चों के समूह को भाड़ा नियंत्रण अधिकारी द्वारा निर्धारित दर पर किराया में रहने की निःशुल्क सुविधा, निःशक्तजनों का एक दिवसीय सर्वेक्षण एवं ऑनलाईन पंजीयन और निःशक्त व्यक्तियों को तत्काल परामर्श और सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए टोल फ्री नम्बर की सुविधा भी इस योजना के तहत मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिलों में निराश्रित निधि के अंतर्गत निःशक्तजनों के कल्याण के लिए खर्च करने की कलेक्टरों की वर्तमान सीमा को 25 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने की घोषणा भी की है। मुख्यमंत्री ने समारोह में समाज कल्याण विभाग की वेवसाईट का भी लोकार्पण किया। डॉ. सिंह ने 250 निःशक्तजनों को बैटरी चलित मोटराईज्ड तिपहिया वाहन  तथा पांच व्यक्तियों को आधुनिक व्हील चेयर वितरित किए।

विधानसभा अध्यक्ष  गौरीशंकर अग्रवाल ने समारोह की अध्यक्षता की। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशिला साहू, कृषि मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल, लोक निर्माण मंत्री  राजेश मूणत, संसदीय सचिव श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष  देवजी भाई पटेल, छत्तीसगढ़ वित्त एवं विकास निगम की अध्यक्ष श्रीमती सरला जैन, नगरपालिक निगम रायपुर के महापौर  प्रमोद दुबे, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष  संजय श्रीवास्तव, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा, रायपुर नगर निगम के सभापति  प्रफुल्ल विश्वकर्मा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने निःशक्त कल्याण के क्षेत्र में उत्क्ृष्ट कार्य करने वाले शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत किया।     इस अवसर पर निःशक्तजन अधिनियम 1995 के प्रावधानों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कोण्डागांव और धमतरी जिले को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में सम्मानित किया। कोण्डागांव जिले की कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी और धमतरी जिले के कलेक्टर  भीमसिंह ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।  राज्य स्तरीय पुरस्कार के अंतर्गत सर्वोत्त्म दृष्टिबाधित कर्मचारी के रूप में राजनांदगांव  के संगीत शिक्षक श्री मुकेश श्याम कर, श्रवण बाधित कर्मचारी वर्ग में बिलासपुर में सहायक वर्ग दो के पद पर कार्यरत श्री राजेन्द्र प्रसाद सराफ तथा सर्वोत्तम अस्थि बाधित कर्मचारी वर्ग में दुर्ग जिला पंचायत की सहायक वर्ग तीन श्रीमती हुलसी साहू को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा कोण्डागांव के शिक्षक श्री ठाकुर राम वर्मा और राजनांदगांव के सकुल समन्वक श्री डोमन वर्मा को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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