बिलासपुर—-छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला इकाई ने सरकार से पचास लाख रूपए जीवन बीमा य़ोजना का लाभ दिए जाने की मांग की है। जिला इकाई संगठन ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र दिया। कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने कहा कि कोरोना काल में शासन के निर्देश पर अन्य राज्यों से आने वाले कोरोना संदिग्धों की जानकारी देने का काम कर रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम शासन स्तर पर नहीं किया गया है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
जिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र दिया है। जिला इकाई अध्यक्ष सुनीता सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को बाहर राज्यों से आने वाले श्रमिकों की गिनती का काम दिया गया है। निश्चित रूप से यह काम जोखिम भरा है। इस दौरान सहायिका और कार्यकर्ता संदिग्धों के सम्पर्क मेे भी आती है। बावजूद इसके शासन की तरफ से अन्य कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाएं कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नहीं दी जा रही है।
संगठन की अध्यक्ष सुनीता सिंह ने जानकारी दी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका दिए गए काम के अलावा घर घर पहुंचकर शिशुवती माताओं और बच्चों के बीच पोषण आहार का वितरण भी कर रही है। इस काम की तारीफ खुद वर्ल्ड बैंक छत्तीसगढ़ सरकार ने भी की है। फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना संक्रमण बचाव की सुविधा नहीं दी गयी है। बावजूद इसके हम प्रतिदिन 50-100 लोगों के सम्पर्क में आते हैं। जाहिर सी बात है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संक्रमण के खतरे में है।
सुनीता सिंह ने बताया कि हमारी मांग है कि सरकार आंगनाड़ी कार्यकर्ताओ का भी अन्य कर्मचारियों की तरह 50 लाख का बीमा कराए। अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान करे। सुरक्षा संसाधन पीपीई किट दे। सेवा निवृत होने वाले सभी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को एकमुश्त राशि और प्रतिमाह पेंशन प्रदान करे।