बाल संरक्षण अधिकारी पर गंभीर आरोप..आउटरीच कार्यकर्ताओं ने बताया..दुकानों से लेती है 10,000

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— आउट रिच कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर से लिखित शिकायत  कर जिला बाल संरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लिखित शिकायत में आउटरिच कार्यकर्ताओं ने बताया कि हम लोग बालसंरक्षण के लिए नहीं..बल्कि जिला बालसंरक्षण अधिकारी के लिए वसूली का काम करते हैं। जब भी हमने विरोध किया तो पार्वती वर्मा ने नौकरी खाने की धमकी दी है। बहरहाल  एक बार फिर नौकरी इस समय संकद मे है।

                                  जिला बाल संरक्षण कार्यालय में कार्यरत आउटरीच कार्यकर्ताओं ने जिला संरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा पर गंभीर आरोल लगाए हैं। अपनी लिखित शिकायत में आउटरीच कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनके पास आरोप को सच साबित करने के पर्याप्त प्रमाण है। पार्वती वर्मा बाल संरक्षण के नाम पर महीने में लाखों रूपए की वसूली करती हैं। वसूली का काम ना चाहकर भी उन्हे ही करना पड़ता है। ऐसा नहीं करने में पार्वती वर्मा नौकरी से बाहर निकालने की धमकी देती है। मजबूरी में पार्वती वर्मा के लिए वसूली का काम करना पड़ता है।

      आउटरीच कार्यकर्ताओं ने जानकारी दी कि वसूली नहीं किए जाने की जुर्म में एक बार दो आउटरीज कार्यकर्ताओं को पार्वती वर्मा के क्रोध का शिकार होना पड़ा है। पार्वती वर्मा के इशारे और दुकानदार की झूठी शिकायत पर नौोकरी से बाहर निकाला जा चुका है। बाद में हम लोगों को नौकरी मिल भी गयी। लेकिन इसके लिए बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं। अब हम लोग ना चाहकर भी पार्वती वर्मा के लिए दुकानों से अवैध वसूली का काम कर रहे हैं।  

             आउटरीच कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को लिखित शिकायत में  पुरानी घटना की भी जानकारी दी है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि जून 2018 में बालश्रमिक रोकथाम कार्यक्रम अभियान चलाया गया। अभियान के तहत खुद जिला बाल संरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा ने चकरभाठा स्थित थोक किराना दुकान में छापामार कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान अच्छी खासी संख्या में बाल श्रमिक पाए गए। लेकिन दुकानदार पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारी के आदेश पर दुकानदार को दूसरे दिन कार्यालय बुलाया गया।

                आउटरीच कार्यकर्ता के अनुसार दूसरे दिन दुकानदार कार्यालय पहुंचा। लेकिन पार्वती वर्मा  घर से ही नहीं निकली। श्रीमती वर्मा  ने ललित कैवर्त को फोन पर निर्देश दिया कि दुकानदार से ज्यादा से ज्यादा रूपया लेकर छोड़ दिया जाए। आउटरीच कार्यकर्ता ने बाल संरक्षण अधिकारी को बताया कि दुकानदार  दूसरे दिन दस हजार रूपए देगा। इतना सुनते ही पार्वती वर्मा को क्रोध आ गया। उनहोने कहा कि इतने में कुछ नहीं होगा। दुकानदार को बताओं की वकील और पुलिस वालों को भी रूपए देना होता है। दस हजार रूपए तो उसके लिए भी कम है।  

                अपनी शिकायत में आउटरीच कार्यकर्ताओं ने पार्वती वर्मा पर और भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पढ़े अगली कड़ी में

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