सूरजपुर(मनीष जायसवाल)।राज्य शासन द्वारा एक वार्षिक वृद्धि रोके जाने के निर्णय के विरोध में कर्मचारियों और सरकार के आमने सामने आने की स्थिति करीब लग रही है। राज्य के कर्मचारी धीरे धीरे लाम बन्द होने लगे है।गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग उपप्रान्तध्यक्ष भोलाराम मरकाम ने राज्य सरकार से वित्त विभाग के आदेश को वापस लेने की मांग की है। प्रेस नोट जारी कर उन्होंने बताया कि मंहगाई भत्ते में केंद्र सरकार से दस प्रतिशत कम राज्य के कर्मचारियों को मिलने पर भी वे शांत रहे। जबकि कांग्रेस सरकार के घोषणा पत्र में कर्मचारी हित मामले शामिल रहे है। राज्य के कर्मचारियों ने कोरोना संकट में राज्य की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में माह अप्रैल में एक दिन का वेतन स्वेक्षा से दान किया है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
कृष्ण कुमार नवरंग ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विकास में राज्य के कर्मचारियों का योगदान सरकार के बराबर है। फिर क्रमोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि, मंहगाई भत्ता, पदोन्नति, को मितब्ययिता मान कर एकतरफा रोकना तानाशाही रवैया है। छ ग सरकार निरंतर कर्मचारी विरोधी निर्णय ले रही है ,सरकार के इस निर्णय से सभी कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। हम मुख्यमंत्री से अपील करते है कि वित्त विभाग के आदेश को वापस लेवे।
कृष्ण कुमार नवरंग ने बताया कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को पुरस्कृत करना चहिए।परन्तु यहाँ उल्टी गंगा बहाने की तैयारी शासन का वित्त विभाग कर रहा है। प्रदेश का शिक्षक संवर्ग मेडीकल पैरा मेडिकल स्टाफ और बाकि कोरोना वारियर्स ने कोरोना से लड़ने में जी जान लगा दिये है। 46 डिग्री तापमान के बीच हंस कर राष्ट्र हित समझ कर कार्य कर रहे है। यह कर्मचारी विरोधी निर्णय समझ से परे है। हम सरकार राज्य सरकार से अपील करते है कि कर्मचारियों के विरुद्ध निर्णय वापस ले अन्यथा गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन आंदोलन के लिए बाध्य होगी।