बाल संरक्षण अधिकारी पर फर्जी बीलिंग का आरोप..शिकायत कर्ता ने बताया.. बालश्रम और बाल विवाह को देती है संरक्षण

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- आउटरीच कार्यकर्ताओं ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी पर मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। मामले में कलेक्टर से शिकायत भी है। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से कार्यकर्ताओं ने दुख जाहिर की है। आउटरीच कार्यकर्ता ललित कैवर्त और विकास बैस ने बताया कि जिला बाल संरक्षण अधिकारी के शह पर जिले में बाल विवाह और बाल श्रम को बढ़ावा मिल रहा है। इसके एवज में पार्वती वर्मा जमकर वसूली करती है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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        आउटरीच कार्यकर्ताओं ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा पर बाल श्रम और बाल विवाह को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। आउटरीच कार्यकर्ता ललित कैवर्त और विकास बैस ने बताया कि हम लोग पार्वती वर्मा के आदेश पर कई बार फील्ड से वसूली की रकम को पहुंचाया है। वसूली नहीं करने पर नौकरी से हटाने की धमकी देती है। और उन्होने ऐसा कई लोगो के साथ किया भी है। मजबूरी में बालश्रमिक के दोषियों से रूपए वसूल कर पहुंचना पड़ता है। 

नहीं आती कार्यालय..रायपुर से करती है आपरेट

       विकास ने बताया कि जिला बाल संरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा रायपुर स्थित घर से कार्यालय चलाती हैं। मोबाइल पर आदेश देकर कार्य का संचालन करती है। आउटरीच कार्यकर्ताओं से टीए डीए में 20 प्रतिशत की मांग करती है। विरोध करने पर नौकरी से निकाल देती है या फिर धमकी देती है। इसकी जानकारी पूछताछ के बाद सामने आ जाएगी। सप्ताह में गिने चुने दिन कार्यालय आती है। और घंटे दो घंटे बाद रायपुर चली जाती हैं। आने जाने के दौरान एक आउटरीच कार्यकर्ता किशोर कुर्रे का आर्थिक शोषण करती हैं।

            विकास और ललित ने कलेक्टर को दिए अपनी शिकायत में बताया कि अवकाश के समय भी काम लिया जाता है। और महीने के अन्त में अनुपस्थिति दिखाकर वेतन काट लिया जाता है।

ट्रेनिंग के नाम पर छुट्टी

     विकास ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी पर आरोप लगाया कि उच्च अधिकारियों को कार्यालय में अपनी अनुपस्थिति को लेकर पिछले तीन साल से गुमराह कर रही हैं। उपस्थिति कालम में रायपुर ट्रेनिंग को कारण बताती है। यदि जांच हो तो पता चल जाएगा कि संचालनालय में इस दौरान किसी प्रकार की ट्रेनिंग का आयोजन नहीं किया गया। बावजूद इसके वह झूठे कारणों से लगातार छुट्टी पर रहीं। 

बनवाती है फर्जी बिल..फर्म का पता ठिकाना नहीं

       विकास ने जानकारी दी कि जिला बाल संरक्षण कार्यालय में अधिकारी के निर्देश पर दबावपूर्वक फर्जी बिल बनाया जाता है। जांच पड़ताल में बात सामने आ जाएगी कि जिस मामले को लेकर बिल बनाया गया है..वहां ना तो तब दुकान था..और ना आज है..। विकास ने उदाहरण देते हुए कहा कि नेहरू चौक में फोटोकापी दुकान है नहीं। लेकिन मैडम फर्जी बिल बनाकर सरकार राशि का उपयोग की हैं।

          इसी तरह रोशन ट्रेडर्स कहीं है ही नहीं। लेकिन जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने खाली बिल ललित कैवर्त और देव सिंह से दबावपूर्वक बनवाया है।

बालविवाह के दोषियों से वसूली

                      मैडम के आदेश पर कई बार बालविवाह को ना केवल बढ़ावा दिया गया। बल्कि दोषियों के खिलाफ जुर्म करने की वजाय रूपए लेकर छोड़ दिया गया है। ऐसे ही बड़े दुकानों में बाल श्रमिक पाए जाने पर कार्रवाई नहीं की गयी। रूपये लेकर दुकानदारों को छोड़ दिया गया। यह प्रक्रिया आज भी जारी है।            

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