रायगढ़।6 महीने की वैधता वाली जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वाले 15 शिक्षाकर्मियों को जिला पंचायत की तरफ से बर्खास्त कर दिया गया है। 4 साल में शिकायत की जांच पूरी नहीं हुई है।शिकायत 27 शिक्षकों की हुई थी लेकिन कार्रवाई केवल 15 पर ही की गई।यह शिक्षक सारंगढ़ और बरमकेला ब्लाक के स्कूलों में नौकरी कर रहे थे। दरअसल बीते 2005 से 2012-13 के बीच में जनपदों द्वारा नियुक्त शिक्षाकर्मियों की जाति प्रमाण पत्र को लेकर बरमकेला ब्लाक के जनक पुर निवासी मुरलीधर चौहान ने कलेक्टर से शिकायत की थी।सीजीवालडॉटकॉम के व्हात्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
अब जांच पूरी हुई तो 15 शिक्षाकर्मियों की सेवा समाप्त करने जिला पंचायत सीईओ की ओर से बरमकेला और सारंगढ़ जनपद सीईओ को आदेश दिया गया है।इसमें संवरा जाति के 13 मामले शामिल हैं।यानी 13 शिक्षाकर्मियों ने संवरा जाति का प्रमाण पत्र लगाया था। यह प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा जारी छे महीने बाद वाली स्थाई जाति प्रमाण पत्र था।यह जाति प्रमाण पत्र बच्चों को स्कूलों में मिलने वाली स्कॉलरशिप के लिए उपयोग में लाया जाता है।दो बिंझवार जाति के हैं और इसमें एक भैना जाति के प्रमाण पत्र दिया गया था।