दिल्ली।देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से हो रही मौतों को देखते हुए चिताओं को जलाने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। ताकि इस बीमारी से मृत हो रहे लोगों का अंतिम संस्कार सही तरीके से हो सके।ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि शहर में लगातार बढ़ रही मृतकों की संख्या की वजह से पहले से मौजूद व्यवस्था पूरी नहीं पड़ रही है। दिल्ली के सबसे बड़े और सबसे पुराने श्मशान घाट निगमबोध में खुले में चिता जलाने से उठने वाले धुंए के चलते वहां मौजूद अन्य लोगों और काम करने वालों की आंखों में जलन जैसी तकलीफें देखने को मिल रही है।जो समिति निगमबोध घाट का संचालन करती है उसका कहना है कि पिछले 2 महीनों में वह 500 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं।उन्होंने बताया कि दिल्ली में तीन और श्मशान घाट और दो कब्रिस्तान है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
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जहां अंतिम संस्कार किया जा रहा है।अधिकारियों ने भट्ठियों के इस्तेमाल का निर्देश दिया है।ताकि इस कोरोना के फैलने की चिंता ना रहे।लेकिन निगमबोध घाट पर छह में से सिर्फ 3 भर्तियां कार्यरत है। पिछले 1 हफ्ते से लकड़ियों पर भी चिता दहन की जा रही है। श्मशान प्रबंधन समिति के सदस्य ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए आए परिजनों को सैनिटाइजेशन टनल से गुजरना पड़ता है और कई बार अपना नंबर आने के लिए घंटो तक इंतजार करना पड़ता है ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।