नारायणपुर-आज संपूर्ण भारत कोरोना वायरस से डरा हुआ है ऐसे समय में बच्चों की घर में रहकर पढ़ाई करना ग्रामीण अंचलों के लिए बहुत ही परेशानियों का सबब बना हुआ है । ख़ास कर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में । क्योंकि नारायणपुर जिले के पहाड़-घने जंगलो के बीच बसे गाँव में नेटवर्क की समस्या हमेशा बनी रहती है । राजधानी रायपुर से लगभग 300 किलोमीटर दूर और जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बोरंड की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती मिलापा बाई जो स्वयं निरक्षर होने के बाद भी अपने घर के नाती पोती के अध्ययन के प्रति सदा चिंतित रहती हैं । क्योंकि क़ोरोना और लाकडाउन के चलते विगत लगभग 3 माह से स्कूल बंद है । बच्चों की परीक्षा भी नही हुई । मिलापा बाई का बड़ा पोता चेत्रराम नायक जब रोजी काम से वापस आता हैं । तो शाम को अपना मोबाइल बच्चों को आनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को देता है । सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
उस समय मिलापा बाई बच्चों के पास स्वयं बैठ कर उन्हें पढ़ाई-लिखाई करने के लिए प्रेरित करते हैं । उन्हें मोबाइल के द्वारा पढ़ाई साथ स्वयं रहकर करवाती हैं । मोबाइल से जो वीडियो भेजा जाता है उसे बच्चों के साथ स्वयं बैठकर देखती है और बच्चों को भी प्रोत्साहित करती है ।चेत्रराम भी काम से वापस आने के बाद खुद समझने के पश्चात् वीडियो को देखकर बच्चों को गणित पढ़ाते हैं। पहले स्वयं समझते हैं उसके बाद बच्चों को पढ़ाते है। वे स्वयं दसवीं कक्षा अनुत्तीर्ण हैं। फिर भी अपने भाई बहन को पढ़ाने का समय निकालते हैं ।
राज्य शासन की ओर से पढ़ई तुंहर दुआर” के माध्यम से जो वीडियो राज्य शासन के द्वारा अपलोड किया जाता है । उसे शिक्षक देवेंद्र देवांगन के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप ऑनलाइन कोडोली ग्रुप* में भेज दिया जाता है जिसे इस ग्रुप से जुड़े हुए सभी बच्चे इसका लाभ ले रहे हैं राज्य से प्राप्त वीडियो एवं ऑडियो को ग्रुप में डाल दिया जाता है । दादी मां स्वयं बैठकर वीडियो का आनंद लेती हैं ।भले उन्हें समझ में ना आए पर भी बच्चों के भविष्य के लिए उनके साथ बैठकर अध्ययन कराती हैं। दादी मां, ने इस योजना के लिए राज्य शासन और नारायणपुर के सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया है ।