वेतन वृद्धि में रोक का विरोध: 10 जून से काली पट्टी लगाकर विरोध दर्ज कराएंगे कर्मचारी

Shri Mi
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बिलासपुर।प्रदेश के लिपिक दस जून से काली पट्टी लगाकर वेतन वृद्दि पर रोक की कंडिका विलोपित करने की मांग रखेंगे।लिपिक वर्गीय संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने प्रेस रेलीज़ जारी कर बताया प्रदेश सरकार ने मितव्ययीता का बहाना लेकर हम सभी की वेतन वृद्दि पर रोक लगा दी है। इस संबंध में शनिवार 6 जून को मंत्रालयीन संघ एवं कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के साथियों के साथ एसीएस वित्त अमिताभ जैन से मुलाकात की है और वेतन वृद्दि पर रोक के आदेश को निरस्त करने की मांग हुई।अतिरिक्त प्रमुख सचिव फाइनेंस ने प्रतिनिधि मण्डल सें स्पष्ट कहा की सरकार के पास राजस्व बहुत कम आ रहा है।यदि वित्तीय स्थति सुधरेगी तो वेतन वृद्दि पर रोक की कंडिका विलोपित होगी अन्यथा नही।श्री तिवारी ने कहा कि वित्तीय स्थिति का हवाले सिर्फ कर्मचारियों को ही शिकार बनाया जा रहा है अन्य खर्चों पर कोई कटौती नही हो रही है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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उन्होने कहा कि यह समय शांत बैठने का नही है।वर्तमान में प्रदेश में फेडरेशन के दो गुट है।और हमारे संस्थापक दादा चन्द्रिका सिह फेडरेशन के दोनों गुटों की एकता के लिए प्रयासरत है।वर्तमान में एक गुट इस मुद्दे पर शांत है और एक गुट ने संघर्ष का आह्वान किया है।श्री तिवारी ने कहा कि दादा चन्द्रिका सिह व हमारी सोच यह है की इस ज्वलंत मुद्दे पर हमें शांत नही बैठना है और संघर्ष करने वालों का साथ देना है।अतः फेडरेशन के आह्वान पर सभी साथी 10जून से काली पट्टी लगा कर अपने अपने कार्यालय में कार्य करेंगे।

रोहित तिवारी ने कहा कि चूंकि कोरोना वायरस के कारण धारा 144 अभी पूरे प्रदेश में लागू है। अतः सभी जिलाध्यक्ष ,प्रांतीय पदाधिकारी, संभाग एवं जिले के पदाधिकारी चार चार की संख्या में बट कर काली रिबन लेकर इस अभियान को सफल बनावे एवं सभी साथियों को वेतन वृद्दि पर रोक के इस आदेश का काली पट्टी लगाकर विरोध करने प्रोत्साहित करें।यह अभियान वेतन वृद्दि पर रोक की कंडिका विलोपित होने के आदेश होने तक लगातार जारी रहेगा।जैसे हम अभी मास्क लगाना नही भूलते वैसे ही काली पट्टी अनिवार्यत: दस जून सें आगामी निर्देश तक रोज लगाये।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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