बैठक में क्यों भड़के विधायक शैलेष.. मंत्री के फटकार से पसरा सन्नाटा.. पढ़ें..भाजपा विधायकों ने क्या बोला

BHASKAR MISHRA
5 Min Read
बिलासपुर—- खनिज न्यास की आनलाइन वीडियों कांफ्रेंसिग बैठक धमाकेदार रहा। बिलासपुर से बैठक में नगर विधायक ने तेवर दिखाया तो रायपुर में बैठे प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी अधिकारियों को जमकर फटकारा। उन्होने कहा कि जब विधायक ही नाराज है तो अधिकारियों के साथ बैठक क्यों। इतना सुनते ही विधायक शैलेष ने बैठक का ना केवल बचाव किया। बल्कि सुझाव दिया कि प्रस्ताव पेश करने से पहले कम से कम जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों से भी जनहित में परामर्श करें। इस दौरान कलेक्टर सांसांश मित्तर ने भी सुझाव को मानते हुए मामले को किसी तरह शांत कराया।
 
           मंथन सभागार में आज खनिज न्यास की बैठक में जिले के सभी विधायक और कर्मचारियों से प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बैठक की। इस दौरान कांग्रेस विधायक और प्रभारी मंत्री का तेवर देख अधिकारी बगले झांकने लगे। यद्यपि बैठक में पेश किए गए प्रस्तावों को लेकर प्रभारी मंत्री काम काज के लिए 44 करोड़ रूपए का एलान किया। 
 
        बैठक शुरू होते ही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जिले में काम काज को लेकर एक एक कर प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान विधायक शैलेष पाण्डेय ने प्रक्रिया का जमकर विरोध किया। शैलेष पाण्डेय ने कहा बैठक में प्रस्ताव तैयार करने और तौर तरीकों का विरोध किया। शैलेष पाण्डेय ने बताया कि निजाम बदल चुका है। लेकिन अधिकारियों के काम काज करने का तरीका नहीं बदला है। बिना किसी परामर्श और विचार के भारी भरकम प्रस्ताव तैयार कर पेश कर दिया जाता है। और कलेक्टर उस पर मुहर लगा देते हैं। पुरानी प्रक्रिया अब नहीं चलनी चाहिए।
 
            क्षेत्र के विकास के लिए जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार है। लेकिन क्षेत्र में क्या कुछ चाहिए या जनता को किसी बात को लेकर तकलीफ है। इस बारे में प्रस्ताव तैयार करते समय अधिकारी परामर्श भी नहीं करते हैं। यदि यह प्रक्रिया चालू हो जाए तो क्षेत्र का विकास ना केवल तेज होगा। बल्कि काम काज में कसावट भी आएगी।
   
                    पाण्डेय ने बताया कि बिना विधायकों से पूछे करोड़ों का प्रस्ताव पेश कर दिया जाता है। कहां क्या कुछ करना है..उसकी जानकारी नहीं मिलती है। यदि अधिकारी प्रस्ताव तैयार करते समय परामर्श कर लेंगे तो काम की गुणवत्ता गति दोनों बेहतर होगी। 
 
               प्रस्ताव तैयार किए जाने की प्रक्रिया पर भी शैलेष पाण्डेय ने नाराजगी जाहिर की। उन्होने कहा कि 44 करोड़ में कहां क्या बनेगा किसी विधायक को जानकारी नहीं है। पानी की किल्लत दूर करने बोर के लिए डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव पेश किया गया है। अब अधिकारी को ही नहीं पता कि बोर कहां करेंगे। मोपका में दो बोर लगाने की बात सामने आयी है। बाकी 78 बोर कहां किए जाएँगे..अधिकारियों को ही नहीं मालूम।
 
             इतना सुनते ही प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकारा। उन्होने कहा कि  जनप्रतिनिधियों की अवहेलना बर्दास्त नहीं करेंगे। विधायकों की नाराजगी देखते हुए हम अधिकारियों से बैठक नहीं करेंगे। इतना सुनते ही बिलासपुर विधायक ने कहा बैठक शुरू रखा जाए। इससे पहले भी तीन बैठक हो चुकी है। क्या क्या किया गया..अधिकारियों से इस बात की जानकारी जरूर ली जाए। इसके बाद अधिकारियों पर ताम्रध्वज साहू ने जमकर आक्रोष जाहिर किया। 
 
              इस दौरान जिले के अन्य विधायक तखतपुर से रश्मि सिंह, बिल्हा से धरमलाल कौशिक, बेलतरा से रजनीश सिंह, मस्तूरी से डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ने विधायक शैलेष पाण्डेय का समर्थन किया। सभी विधायकों ने गृह मंत्री  ताम्रध्वज साहू से कहा कि अधिकारी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं।इस दौरान सभी विधायकों ने प्रस्ताव पर जमकर अविश्वास जाहिर किया। इतना सुनते ही प्रभारी मंत्री ने कहा कि अविश्वास की सूरत में बैठक को कोई औचित्य नहीं रह जाता है।
 
       बाद में विधायकों के निवेदन पर साहू ने बैठक तो लिया। लेकिन दो टूक कहा कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों को अधिकारियों को महत्व देना होगा। सहमति के बाद ही प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उम्मीद है कि अब आने वाले बैठकों में इस प्रकार की स्थित और शिकायत देखने और सुनने को नहीं मिलेगी। 
 
               ताम्रध्वज साहू ने विकास कार्यों के लिए जिला खनिज न्यास शासी निकाय से 44 करोड़ पचास लाख रुपए का एलान किया। साहू ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल है। स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सकों समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों. स्कूलों की आधारभूत संरचना के विकास समेत पेश किए गए प्रस्तावों पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है। क्योंकि मांग के अनुसार  राशि का आवंटन किया गया है।
 
close