4 साल तक नहीं बनेगी सड़क..अमर का दावा…नदी की जमीन पर निर्माण ना-मुमकिन..जाएंगे कोर्ट..DMF में बोलने वाले..घर उजड़ते समय चुप क्यों…?नहीं कर सकते स्मार्ट सिटी मद का उपयोग

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—अमर अग्रवाल ने कहा कि अरपा के दोनो तट पर सड़क और नाली निर्माण की योजना है। अरपा का विकास बहुत जरूरी है। मैं खुद ऐसा ही चाहता हूं। अरपा विकास प्राधिकरण का गठन कर जमीन को सुरक्षित रखा था। लेकिन बताना जरूरी है कि जहां सड़क और नाली निर्माण की बात की जा रही है। वह जमीन पानी के नीचे की है। ऐसी जमीन पर निर्माण कार्य नामुमकिन है। बिना क्लीयरेन्स के निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके निर्माण कार्य किया गया तो हम कोर्ट जाएंगे।

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                   प्रेसवार्ता में अमर ने कहा कि मैने फैसला किया था कि नई सरकार के कामकाज को लेकर एक साल तक कुछ नही कहेंगे। लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार और जनता को बताएं कि क्या कुछ गलत किया जा रहा है। रातो रात तिलकनगर चांटापारा के वासिंदों को उखाड़ फेंका गया। नोटिस में 6 दिन का समय दिया गया लेकिन नोटिस तामिल चार जून तक किया गया। 6 जून की सुबह लोगों के घरों पर बुलडोजर चला दिया गया। कोरोना काल में ऐसा करना अमानवीय है।

               अमर ने बताया कि निगम के पास रूपए नहीं है। स्मार्ट सिटी का 100 करोड़ रूपया जरूर कोष में है। लेकिन इसका उपयोग बे आफ में नहीं किया जा सकता है। क्योंकि यह स्मार्ट सिटी का हिस्सा नहीं है। अमर ने बताया कि रिवर व्यू  नजूल की जमीन पर है। लेकिन जहां अब 1.8 किलोमीटर अरपा के दोनो तट पर सड़क बनाए जाने की बात कही जा रही है वह अवैध है। क्योंकि वह जमीन पानी के नीचे की है। ऐसी जमीन के लिए निर्माण से पहले क्लीयरेन्स लिया जाना बहुत जरूरी है। उसका नम्बर मिलता है। लेकिन निर्माण नहीं किया जा सकता है।

               अमर ने बताया कि पानी के नीचे की जमीन पर यदि निर्माण किया गया तो हम कोर्ट जाएंगे। उन्होने बताया कि निगम के पास पैसा नहीं है। 90 करोड़ की सडक नाली और सौंदर्यीकरण की बात कर रहे हैं। उन्होने टेण्डर मंगाया है। टेण्डर की प्रक्रिया बहुत जल्दी यदि किया गया तो दो महीने लग जाएंगे। पूरा काम होने में डेढ साल नहीं बल्कि चार साल लग जाएंगे। स्मार्ट सिटी फण्ड का उपयोग यह कर नहीं सकते है। क्योंकि उसकी अनुमति उन्हें मिलेगी नहीं। 

इशारों में दागा नगर विधायक पर निशाना 

         अमर ने इशारों में बिना नाम लिए स्थानीय विधायक शैलेश पर भी निशाना साधा। उन्होने कहा कि घर उजड़ते समय मुंह खोले। जब डीएमएफ फण्ड की बैठक हो रही थी..तब मुंह बन्द नहीं हुआ। आखिर वजह क्या है..बताना चाहिए।

 अब क्यों नहीं कराते जांच

            पूर्व मंत्री ने लाठीचार्ज के सवाल पर कहा कि आरोप लगाने वालों को बताना जरूरी है कि अब सरकार उनकी है। जांच जरूरी है कि आखिर लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार कौन है। सरकार बने डेढ़ साल हो चुके हैं। लेकिन लाठीचार्ज कराने वाले की जानकारी अभी तक स्प्ष्ट नहीं है। जांच बहुत जरूरी है। जांच की दुहाई देने वाले अब चुप क्यों है। 

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