किसान कांग्रेस ने किया कलेक्टर का घेराव

BHASKAR MISHRA
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IMG-20151214-WA0015बिलासपुर– धान खरीदी में भ्रष्टाचार,किसानों के साथ अत्याचार,मोहन लाल चन्द्राकर आत्महत्या समेत 5 बिन्दुओं को लेकर आज जिला कांग्रेस संगठन ने कलेक्टर का घेराव किया। किसान कांग्रेस नेताओं ने पत्रकारों से बताया कि चाल चरित्र चेहरा की दुहाई देने वाले भाजपा सरकार की राज में किसान आत्महत्या कर रहा है।

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           किसानों के धान को धान को बिचौलिए बेंच रहे हैं। भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। बावजूद इसके प्रशासन मौन है। इस दौरान किसान संगठन ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जमकर बयानबाजी भी की।

                                     भारी संख्या में किसानों के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर किसान कांग्रेस ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कलेक्टर अन्बलगन पी.जनदर्शन कार्यक्रम में मशगुल थे। कलेक्टर से मुलाकात होने में देरी के लिए कांग्रेसियों ने स्थानीय प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाला। जिला कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय ने बताया कि हमने किसानों से जुडे प्रमुख बिन्दुओं को कलेक्टर के सामने रखा है। यदि उन पर विचार नहीं किया गया तो कांग्रेस किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरने के लिए तैयार है।

              किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील शुक्ला और कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय ने बताया कि हमने अपने लिखित मांग को कलेक्टर के सामने रख दिया है। जिला प्रशासन से जिले के सभी धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी किये जाने को कहा है। देखने में आया है कि बहुत से केन्द्रों में धान खरीदा का काम शुरू भी नहीं हुआ है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि अकलतरी में लावारिश धान किसका है जांच के बाद दोषी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।

                     कांग्रेस नेताओं ने बताया कि बेलटुकरी में किसान मोहन की मौत की न्यायिक जांच की जाए। मृतक परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा प्रदान की जाए। अभय और सुनील ने बताया कि अनावरी रिपोर्ट में गलत जानकारी पेश करने वाले अधिकारी और कृषि अधिकारी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ताकि आने वाले समय में मोहन जैसी घटनाक्रम की पुनरावृत्ति ना हो।

कांग्रेसियों ने बताया कि एसडीएम रिपोर्ट में मोहन को शराबी और लापरवाह बताना। किसान नहीं होने की बात कहना पूरे प्रदेश के किसानों का अपमान है।  इसलिए हमने कलेक्टर से मिलकर मांग की है कि एसडीएम के बयान और रिपोर्ट का खण्डन किया जाए। इतना ही नहीं मोहन के परिवार से प्रशासन को माफी भी मांगना होगा।

 

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