इण्डिया वालः भारत-चीन के बीच सीमा विवाद और तनाव के बीच रेलवे मंत्रालय ने रेलवे उपक्रम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन लिमिटेड ने चीनी फर्म बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड के कॉन्ट्रैक्ट को रद कर दिया है।
चीनी कंपनी को कानपुर से दीन दयाल उपाध्याय रेलवे सेक्शन के बीच 417 किमी के सेक्शन में सिग्नलिंग और टेलीकॉम का काम दिया गया था। काम 471 करोड़ रुपये का था। रेलवे के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने के 4 साल बीत जाने पर भी सिर्फ 20 फीसद काम ही चीनी कंपनी कर पाई थी। काम बेहद धीमी गति से किया जा रहा था।
जानकारी हो कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष के बाद देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ती जा रही है। लद्दाख संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी,। दूसरी तरफ चीन के भी करीब 43 सैनिकों को जान से हाथ थोना पड़ा है।
इससे पहले भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने भी फैसला किया था कि बीएसएनएल के 4G इक्विपमेंट को अपग्रेड करने के लिए चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने बीएसएनएल से कहा है कि सुरक्षा कारणों के चलते चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाए। विभाग ने इस संबंध में टेंडर पर फिर से काम करने का फैसला किया है।विभाग निजी मोबाइल सेवा ऑपरेटरों से चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए उपकरणों पर उनकी निर्भरता को कम करने के लिए भी विचार कर रहा है।