बिलासपुर।हाईकोर्ट बिलासपुर में गुरूवार को कोरोना संकट के दौरान वकीलों की सहायता को लेकर पेश याचिका पर सुनवाई हुई । कोर्ट ने स्टेट बार को अगली सुनवाई में वकीलों की सहायता के संबंध में पूरी योजना की ज़ानकारी देने कहा है। मामले की अगली सुनवाई अगले हफ़्ते शुक्रवार को होगी ।हाई कोर्ट के मुख्यन्यायाधीश एवं जस्टिस पी. पी. साहू ने राजेश केशरवानी की याचिका पर संदीप दुबे अधिवक्ता के माध्यम से सुनवाई की । जिसमे यह मांग की गयी है कि इस कोरोना महामारी में वकीलों के ऊपर आर्थिक संकट गहरा गया है और राज्य विधिक परिषद् की ओर से इस न्यायलय के द्वारा पूर्व में दिए तीन आदेशों का पालन नहीं किया ज़ा रहा है। जिसमे न्यायलय ने अधिवक्ताओ को आर्थिक मदद देने हेतु योजना बनाकर महाधिवक्ता के माध्यम से राज्य सरकार को देने कहा था ।
इस पर न्यायलय ने महाधिवक्ता से पूछा तो उन्होंने बताया कि हमने बार कौंसिल को पत्र लिखकर न्यायलय के आदेश के पालन में योजना बनाकर देने कहा है। फिर भी स्टेट बार ने अभी तक योजना बनाकर नहीं दी है, । उधर बार कौंसिल के सभी सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री से 13 जून को मीटिंग आयोज़ित की गई । मुख्यमंत्री ने भी कहा कि योजना बनाकर देवे। अभी तक योजना अप्राप्त है ।
संदीप दुबे ने बताया कि उन्होंने ट्रस्टी कमिटी के चेयरमैन और विधि मंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि स्टेट बार कौंसिल लिखकर प्रस्ताव भेजेगी तो एक घंटे में पैसे दे देंगे । स्टेट बार के वकील ने बताया कि हमें बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने 45 लाख रुपए दिए हैं। जिसे हमने 2200 के करीब वकीलों के आवेदन पर विचार कर 1100 योग्य लोगो को 3000 हजार रूपये दे दिए है । न्यायलय ने स्टेट बार से पूछा कि आपके पास कितना वेलफेयर अमाउंट है। आपने स्टेट बार की तरफ से राशि क्यों नहीं दी । क्योंकि आपके पास वकीलों के टिकट का पैसा जमा है । आप अगली सुनवाई में पूरी योजना के साथ आये कि कितनी कल्याणकारी राशि है… क्या योजना है…. कैसे देंगे,….. ।
क्योंकि 3000 हजार रूपये कुछ वकीलों के देने से आर्थिक मदद पूरी नहीं होगी । उन्होंने बताया कि मीडिया के जरिए जानकारी मिली है कि एक वकील इस बुरे दौर में वकालत छोड़कर श्रमिक का कार्य कर रहे हैं । जो इस राज्य के नहीं है । हम ऐसे स्थिति में वकीलों को नहीं देख सकते । अगली सुनवाई में पूरी कार्यवाही बताये । अगली सुनवाई अगले सप्ताह शुक्रवार को होगी । हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के तरफ से हस्तक्षेप याचिका में यह भी बताया गया पूरे देश में हर स्टेट बार 5 हजार से काम राशि नहीं दे रही है ।