“लाल बत्ती” का फैसला एक-दो दिन में..पुनिया के दौरे के बाद बढ़ी हलचल,कई नामों पर भूपेश-टीएस और महंत के साथ चल रहा विचार

Shri Mi
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रायपुर।सरकार के निगम-मंडलों में नियुक्ति में वक्त लग सकता है। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने इस सिलसिले में सीएम भूपेश बघेल के साथ-साथ समन्वय समिति के सदस्यों के साथ विचार विमर्श जारी है।माना जा रहा है कि कुछ नाम भी तय किए गए हैं, जिनकी घोषणा हाईकमान की मंजूरी के बाद की जाएगी।छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया शनिवार देर शाम गुपचुप तरीके से रायपुर पहुंचे।उनके इस प्रवास की राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा रही।मीडिया रेपोर्ट्स के अनुसार प्रदेश प्रभारीयहां पहुंचने के बाद सीधे सीएम हाऊस गए। उन्होंने सीएम के साथ लंबी चर्चा की। इसके बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ भी चर्चा की। सूत्रो के अनुसार सारी कवायद निगम मंडलों की नियुक्ति को लेकर रही है।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp NEWS ग्रुप से के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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प्रदेश प्रभारी ने सीएम के साथ-साथ जिन निगम मंडलों में नियुक्ति होनी है, उसको लेकर चर्चा हुई है। कई नामों पर विचार किया गया। साथ ही साथ क्षेत्रीय-सामाजिक समीकरणों को ध्यान रखने पर भी सहमति बनी है। जिन लोगों ने विधानसभा के चुनाव नहीं लड़े हैं, और संगठन में बेहतर काम किया है। ऐसे नाम छांटे गए हैं। उन्हें ही जिम्मेदारी देने पर चर्चा हुई। कुछ सीनियर विधायकों को भी निगम-आयोगों में जगह देने पर भी चर्चा हुई है।

प्रदेश प्रभारी ने पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव और समन्वय समिति के अन्य सदस्यों के साथ भी विचार-विमर्श किया। कहा जा रहा है कि सिंहदेव के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से भी निगम मंडलों में नियुक्ति को लेकर राय ली गई है। कहा जा रहा है कि इन बैठकों में तय नाम प्रदेश प्रभारी श्री पुनिया हाईकमान के समक्ष रखेंगे। हाईकमान इसको लेकर कोई फैसला लेगा। माना जा रहा है कि अगले दो-तीन दिनों में सारी नियुक्तियां हो सकती है।

प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया के दौरे पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने कहा कि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया गुप्त यात्रा पर रायपुर आए। दिल्ली और छत्तीसगढ़ दोनों जगह कोविड की समस्या गंभीर है। ऐसे में नियमत: इन्हें क्वॉरंटीन होना चाहिए।पार्टी ने यह भी कहा कि जिन-जिन से इनकी मुलाकात हुई है, वे भी क्वॉरंटीन होने चाहिए। यह भी पूछा कि विधि निषेध का उल्लंघन हो तो क्या कार्रवाई होनी चाहिए?

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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