रेल्वे मे हुई राजभाषा पर चर्चा

cgwallmanager
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rajbhasha_railwayबिलासपुर। मुख्य यांत्रिक इंजीनियर  वीरेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के यांत्रिक सभागार में दिनांक 15 दिसंबर, 2015 को राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी बैठक एवं कार्यशाला आयोजित की गई । बैठक प्रारंभ करते हुए एस.पी.सोनकुसर, उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (डीजल ) ने बैठक की कार्यसूची प्रस्तुत करते हुए पिछली तिमाही में लिये गये निर्णयों के अनुपालन की जानकारी दी ।

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                                 बैठक में संबोधन के लिए पी.बी. बारापात्रे, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (कारखाना) ने अपने संबोधन में कहा कि राजभाषा को बढ़ावा देने के लिए बैठक में मात्र कागज पर चर्चा न करते हुए वस्तुतः फाइलों पर नोटिंग एवं धारा 3(3) के दस्तावेज शतप्रशित द्विभाषी में जारी किये जाने चाहिए, तभी इन बैठकों की सार्थकता सिद्ध होगी । इनके संबोधन के बाद ज्योतिन्द्रत दिगी, सीआरएसई ने कहा कि यांत्रिक विभाग में अधिक से अधिक कर्मचारी राजभाषा में कार्य करते हैं, तथापि कुछेक कर्मचारियों को इस ओर ध्यान देने की आवश्याकता है । बैठक में उपस्थित एन.के. वर्णवाल ,सीएमपीई ने कहा कि राजभाषा अनुपालन के दो पहलू होते हैं, एक कानूनी होता है जिसे हमें अनिवार्य रूप से अनुपालन करना चाहिए और दूसरा कानून से अलग जिसे आत्मीय रूप से करना होता है और इसके लिए सभी को ध्याान में रखते हुए राजभाषा में कार्य करना चाहिए।

                               बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी विक्रम सिंह ने अपने संबोधन में राजभाषा वार्षिक कार्यक्रम के आधार पर मदवार लक्ष्यों की जानकारी दी एवं यांत्रिक विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य की प्रशंसा की तथा सभी अधिकारियों से निरीक्षण के दौरान राजभाषा मद का निरीक्षण करने का अनुरोध किया । उन्होंने पिछली बैठक में प्रकाशित यांत्रिक दर्पण की तरह आगामी पत्रिका प्रकाशन करने का भी अनुरोध किया।

                             मुख्य यांत्रिक इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि राजभाषा के प्रयोग एवं प्रचार-प्रसार के लिए आप अपनी उर्जा का समपर्ण भाव से प्रयोग करें ताकि राजभाषा के क्षेत्र में यांत्रिक विभाग नये कीर्तिमान हासिल कर सके । उन्होंने राजभाषा विभाग के अनुरोध को स्वी्कार करते हुए निरीक्षण में राजभाषा संबंधी एक मद शामिल करने के निर्देश देने के साथ ही साथ निरीक्षण में किसी एक समस्या का उल्लेख करने का भी निदेश दिया । उन्होेने राजभाषा प्रयोग के लिए विशेष अभियान चलाने के निदेश दिये । खासकर फाइलों एवं रजिस्ट्रों में शीर्ष अनिवार्य रूप से द्विभाषी में लिखने के लिए कहा ।
बैठक के अंत में राम सजीवन, सीनियर सेक्शान इंजीनियर ने मिर्जा गालिब की गजल ‘’ हाथों की लकीरों पे मत जा ये गालिब , शेर सुनाया ।

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