बिलासपुर,,, प्रदेश में 10 वीं टॉपर प्रज्ञा कश्यप के स्कूल की कहानी किसी से छिपी नहीं है। स्कूल में उचित व्यवस्था नहीं होने के बावजूदप्रज्ञा ने प्रदेश में अव्वल स्थान हासिल किया। संदीप दुबे ने बताया कि विधि विभाग प्रज्ञा की स्कूल का जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है।
प्रदेश विधी विभाग प्रमुख संदीप दुबे ने बताया कि जरहाभाठा स्थित प्रज्ञा के स्कूल में एक क्लास में 75 से ज्यादा स्टूडेंटस बैठते है। लेकिन मात्र 5 कमरे ही है।इसके अलावा पहुंच मार्ग भी स्कूल के लिए नहीं है। ऐसे में कांग्रेस विधि विभाग ने स्कूल की तस्वीर को बदलने का बीढ़ा उठाया है।
संदीप दुबे ने बताया कि 10 वीं में शत-प्रतिशत अंक हासिल करने वाली प्रज्ञा का स्कूल मुंगेली के जरहागांव में स्थित है। स्कूल की अव्यवस्था को देखते हुए सुधार के लिए अधिवक्कताओं की टीम मौके पर पहुंची। जांच पड़ताल के बाद प्रतिवेदन बनाकर सांसद एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तन्खा को सौंपा दिया गया है।
विवेक तंखा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को समस्याओ से अवगत कराया है। मामले को शिक्षा मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए प्रयास भी शुरू कर दिए है । जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मंगवाई गयी है। शाला की प्राचार्य ने रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को दी है।
दुबे ने बताया कि स्कूल में सबसे बड़ी कठिनाई एक क्लास 75 से अधिक स्टूडेंट का बैठना है। स्कूल को 2011-12 में हाई स्कूल से हायर सेकेंडरी किया गया। लेकिन सुविधा की तरफ ध्यान नही दिया गया। वाशरूम की कमी बहुत बड़ी समस्या है।पानी की सुविधा नहीं है।, 2 पाली में स्कूल लगती है, ।लैब में बच्चो की क्लास लगायी जाती है,। जिनके के लिए केवल छह रूम है। ऐसे में उन्हें पढ़ाई करने में दिक्कतें हो रही है।
इसके अलावा स्कूल में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। स्कूल तक पहुंचने के लिए मार्ग नहीं है। वहीं स्कूल के आसपास असामाजिक तत्वों का जमावाड़ा भी लगा रहता है। इसी सब व्यवस्थाओं को सुधारने की तैयारी की जा रही है।