बिलासपुर।6 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो रही है और 3 अगस्त को रक्षाबंधन यानी सावन पूर्णिमा है। सालों बाद इस बार 29 दिन के सावन महीने में पांच सोमवार है। खास बात यह है कि वैधृति योग के साथ सावन शुरू हो रहा है और आयुष्मान योग के साथ इस मास की समाप्ति होगी। भगवान शिव जो कि श्रावण के देवता कहे जाते हैं उन्हें इस माह में विभिन्न तरीकों से पूजा जाता है।पूरे महीने धार्मिक उत्सव होते हैं। शिव उपासना, व्रत,पवित्र नदियों में स्नान और शिव अभिषेक का महत्व है।
वर्षा ऋतु के चौमासा में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और इस वक्त पूरी सृष्टि भगवान शिव के अधीन हो जाती है। अतः चौमासा में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मनुष्य जाति कई प्रकार के धार्मिक कार्य दान, उपवास करते हैं।
श्रावण में कांवर यात्रा का बहुत अधिक महत्व है। इसमें लोग भगवा वस्त्र धारण करके पवित्र नदियों के जल को एक कांवर में बांधकर पैदल चलकर शिवलिंग पर उस जल को चढ़ाते हैं।कांवर एक बांस का बना होता है। जिसमें दोनों तरफ छोटी-सी मटकी होती है। जिसमें जल भरा होता है। और उस बांस को फूलों और घुंगरू से सजाया जाता है। साथ ही बोल बम का नारा लिए कई कांवर यात्री श्रद्धा पूर्वक पदयात्रा कर पवित्र जल को शिवलिंग में अर्पण करते हैं।