रायपुर।3 महीने बाद पहली बार रविवार को सड़कों पर यात्री बसें दौड़ती नजर आई। गंतव्य तक पहुंच कर जब टूर ऑपरेटरों ने कलेक्शन की जांच की तो पता चला कि किसी भी बस मालिक को मुनाफा नहीं हुआ है।सड़कों पर भीड़ तो नजर आ रही है लेकिन लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने में परहेज कर रहे हैं। यदि ऐसा ही हाल रहा तो बसों को चलाने घाटे का सौदा साबित होगा और ऐसी स्थिति में एक बार फिर बस्तर संभाग में दौड़ने वाली बसों के पहिए थम सकते हैं। बस कामगार संघ के संभागीय अध्यक्ष ने बताया कि बीते 4 महीने से बस मालिक वेतन नहीं दे रहे हैं।बसें खड़ी रहने और कामकाज ठप पड़ा होने का हवाला देकर वेतन नहीं दिया जा रहा है।जबकि बस मालिकों का कहना है कि कामगारों को दिनचर्या के लिए खर्च हमारे द्वारा ही दिया जा रहा है। अब एक बार फिर से यात्री परिवहन शुरू होने के बाद कामगार बस मालिकों की ओर वेतन के लिए आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।CGWALL NEWS व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को केवल आधा दर्जन बसें ही दौड़ी। इनमें से किसी भी बस में चार से पांच से अधिक सवारी नहीं थी। बीजापुर से चलकर कई बसें जगदलपुर पहुंची एक यात्री बस का कलेक्शन केवल ₹700 था।इससे कहीं ज्यादा का डीजल जल गया।बस मालिकों ने कोरोनावायरस की आशंका व्यक्त की थी कि बस्तर के अधिकतर रूटों पर सवारी का टोटा रह सकता है। इसी तरह से लंबी दूरी तय करने वाली यात्री बसें भी नहीं चली। रायपुर से जगदलपुर, बैलाडीला- रायपुर के बीच चलने वाली बसों में टिकट बुक ना होने की वजह से नहीं चलाई गई।