कांग्रेसियों की बैठक में जूतम पैजार… चाय चौपाल से पहले..महंत का फोटो विवाद..लात घूंसों की हुई बरसात..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- जीपीएम जिला कांग्रेस कार्यालय में चाय चौपाल की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में कांग्रेस जिला और ब्लाक अध्यक्षों के बीच जमकर जूतम पैजार हुआ है। बैठक में नेताओं के बीच जमकर लात घूंसों की बरसात हुई है। एक दूसरे के खिलाफ जमकर फाग गीत गाए। सभी नेताओं  ने एक दूसरे की शिकायत आला नेताओं से करने की बात भी कही। विवाद का कारण डा.मंहत की  फोटो को लेकर हुआ बताया जा रहा है। 

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                बताते चलें कि जल्द ही मरवाही उप चुनाव को लेकर चुनाव आयोग जल्द ही तारीख का एलान करने वाला है।  इसके पहले नेताओं की तैयारियां शुरू हो गयी है। बताते चलें कि मरवाही विधानसभा को हर हालत में जीतने को लेकर सत्तारूढ़ दल ने चुनाव तारीख एलान के पहले ही तैयारियों को लेकर दम लगा दिया है। पिछले पन्द्रह दिनों में अब तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, निकाय मंत्री डॉ.शिव डहरिया, सांसद फूलो देवी नेताम, चुन्नीलाल साहू, अटल श्रीवास्तव, विजय केशरवानी,अरूण चौहान दौरा कर चुके हैं। इस दौरान सभी दिग्गज नेता स्थानीय कार्यकर्ताओं को रिचार्ज कर मरवाही में कांग्रेस का झण्डा फहराने का दावा कर रहे हैं।

               बताते चलें कि इन्ही दिनों राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पेन्ड्रा में जिला कांग्रेस कार्यालाय का उद्घाटन भी  किया है।

विवाद की वजह

                  जानकारी हो कि मरवाही सीट जीतने के लिए पीसीसी और राज्सय रकार ने स्थानीय स्तर पर प्रत्येक पंचायत में चाय चौपाल आयोजन का एलान किया है। चाय चौपाल का दौर 10 जुलाई से लगातार 15 दिनों तक होना है। इसमें स्थानीय लोगों के अलावा प्रदेश के दिग्गज नेताओं को शामिल होना है। इस दौरान लोग अपनी समस्याओं को सामने रखेंगे। समस्या का निराकरण तत्काल किए जाने की बात सामने आयी है। इसी बात को लेकर गुरूवार को जिला कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक के दौरान पेन्ड्रा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत श्रीवास ने कहा कि चाय और चौपाल में लगाए जाने वाले पोस्टरों में डॉ.महंत का फोटो नहीं है। इसकी वजह क्या हो सकती है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने बताया कि राजस्व मंत्री से बात हो चुकी है। इसलिए चल जाएगा। इस पर प्रशांत श्रीवास ने कहा कि कोरबा लोकसभा में मरवाही विधानसभा क्षेत्र शामिल है। इसलिए पोस्टर में डॉ. महंत का फोटो होना बहुत जरूरी है। यदि फोटो नहीं होगा ..तो वह अपने ब्लाक क्षेत्र में पोस्टर नहीं लगाएंगे। 

जमकर जूतम पैजार…

                     इसके बाद बात ही बात में विवाद बढ़ गया। विवाद तुम तडांग के रास्ते गाली गलौच और हाथापाई में बदल गया। बैठक में मौजूद नेता और कार्यकर्ता दो गुटों में बट गए। इसके बाद जिसके हाथ में जो मिला..लेकर एक दूसरे फेंकना शुरू कर दिया। लोगों ने फाग अंदाज में गालियों की एक दूसरे पर बरसात की। साथ ही एक दूसरे पर लात घुसें भी बरसाए। सभी नेता एक दूसरे का कालर पकड़कर जमकर जूतम पैजार किया। संघर्ष के दौरान कई लोगों को चोट आय़ी ।  

               इस दौरान दोनो गुटों के नेता एक दूसरे पर भेदभाव का आरोप लगाने के साथ देख लेने की धमकी भी दी। साथ ही दोनों गुटों के नेताओं ने आलानेताओं से शिकायत की बात भी कही। वही मामले को अब दबाए जाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।

  मारपीट की असली कहानी..पुराना दर्द और नया बहाना 

            सूत्रों की माने तो मारपीट और विवाद का तात्कालिक कारण बेशक महंत का पोस्टर में फोटो नहीं होना सकता है। असली दर्द बहुत पुराना है। जिला बनने के बाद मरवाही ब्लाक अध्यक्ष मनोज गुप्ता, पे्ड्रा ब्लाक अध्यक्ष प्रशांत श्रीवास और गौरेला ब्लाक अध्यक्ष अमोल पाठक तीनो ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में रहे। बाद में मनोज गुप्ता जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनने में कामयाब हुए। अध्यक्ष बनने के बाद मनोज गुप्ता ने एक प्रस्ताव पीसीसी को भेजा। जिसमें बताया गया कि प्रत्येक ब्लाक अध्यक्षों के साथ एक कार्यकारी ब्लाक अध्यक्ष की नियुक्ति की जाए। इसी बात को लेकर आक्रोश गुरूवार को जिला कांग्रेस कार्यालय जीपीएम में फूटा। बताते चलें कि एक दिन बाद यानि शुक्रवार को प्रदेश के बड़े नेता और स्थानीय पदाधिकारी चाय चौपाल में जुड़ेंगे। लेकिन सत्ता और संघर्ष की लड़ाई में सब कुछ गड़बड़ होते नजर आ रहा है। 

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