सांसद ने मांगा मुंगेली के लिए केन्द्रीय विद्यालय

BHASKAR MISHRA

IMG-20151221-WA0009मुंगेली/बिलासपुर–बिलासपुर लोकसभा सांसद लखनलाल साहू ने लोकसभा में 377 के तहत् मुद्दा उठाते हुए नवनिर्मित जिला मुंगेली में नवोदय विद्यालय की स्थापना की मांग की है। सांसद साहू ने सदन को बताया कि बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में दो जिला-बिलासपुर और मुंगेली शामिल हैं। नवनिर्मित जिला मुंगेली अनुसूचित जाति बाहुल्य है। यहां निवासरत् निर्धन बच्चों को सी.बी.एस.ई. कोर्स की शिक्षा सुलभ कराने के लिए नवोदय और केन्द्रीय विद्यालय स्थापित करने की मांग लंबे अर्से से की जा रही है।

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                      लखनलाल साहू ने लोकसभा में अपनी बातों को रखते हुए कहा कि जिला मुंगेली में केन्द्रीय विद्यालय प्रारंभ करने का प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मंत्रालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि जिला मुंगेली में संचालित शासकीय विद्यालयों में आज की स्थिति में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल का संचालित होता है। किसी भी शासकीय विद्यालय में सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम की सुविधा नहीं है। लिहाजा मुंगेली जिला के बच्चों खासकर वे छात्र छात्राएं जिन्हें  सीबीएसई की पढ़ाई की इच्छा है उन्हें बिलासपुर जाना पड़ता है। कम से कम गरीब छात्रों के लिए यह संभव नहीं है। साहू ने बताया कि बिलासपुर केन्द्रीय विद्यालय है लेकिन इतना संसाधन नहीं है कि सभी बच्चे स्कूल में प्रवेश ले पाएं। ऐसी सूरत में जिला मुंगेली में एक केन्द्रीय विद्यालय का होना जरूरी है।

                      बिलासपुर सांसद ने लोकसभा में अपनी बातों को रखते हुए कहा कि मुंगेली में जो परिवार थोड़ा बहुत आर्थिक रूप से सक्षम है वह केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश लेता है। इसी तरह नवोदय की पढ़ाई मल्हार में ले लेते है या अन्य निजी विद्यालयों में सीबीएसई की पढ़ाई कर लेते हैं। दूरी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुंगेली में नवोदय और केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना नितांत जरूरी है। सांसद साहू ने कहा कि मुंगेली में ना केवल सामान्य बल्कि गरीब घरों के बच्चों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। लेकिन दूरी और खर्च होने के कारण उनकी प्रतिभा दफन हो जाती है। ऐसी सूरत में यदि मुंगेली में यह सुविधा मिल जाती है तो ना केवल शिक्षा पाने में खर्च की कमी आएगी बल्कि बच्चों का भविष्य संवर जाएगा।

              मालूम हो कि इस मुद्दे पर केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरान सदन में लिखित जवाब प्रस्तुत देंगी।

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