विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पर बयानबाजी तेज,BJP पर कांग्रेस का पलटवार

Chief Editor
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रायपुर।विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए राज्यपाल अनुसुईया उईके पर दबाव बनाने की प्रदेश सरकार की कोशिशों को घोर अलोकतांत्रिक, असंसदीय और असंवैधानिक बताते हुए इसकी निंदा की है.डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार में न तो राजनीतिक समझ–बूझ है, न ही प्रशासनिक क्षमता दिख रही है, और अब वह राज्यपाल पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाकर एक बार फिर संघीय ढाँचे व संवैधानिक प्रक्रिया का खुला अपमान करने पर उतारू हो गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अब तक का कार्यकाल देश के संघीय ढाँचे की अवहेलना और प्राय: हर नाजुक मौकों पर संवैधानिक प्रक्रिया को चुनौती देने में ही जाया हुआ है.CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

अपनी सरकार की सारी शक्तियां ख़ुद में केंद्रित करके मुख्यमंत्री जिस तरह का वन मैन शो चला और चलाना चाह रहे हैं, वह उनकी लोकतंत्र में गहरी अनास्था का परिचायक तो है ही, अब राज्यपाल के अधिकार छीनने की यह कोशिश उनके घोर असंवैधानिक आचरण का प्रदर्शन है.विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक परडॉ. रमन सिंह की टिप्पणी पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2009 में नियम बनाया था कि कुलपति का चयन राज्य सरकार करेगी और अधिसूचना राज्यपाल जारी करेंगे.

छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कुलपति चयन का अधिकार कैबिनेट को देते हुये संशोधन लाया है, जो राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया है. नरेन्द्र मोदी ने कानून बनाया है तो अच्छा कानून होगा, यह रमन सिंह को और भाजपा को मान लेना चाहिये. भाजपा अगर ऐसे कानून को अधिकार छीनने की और अधिनायकवादी प्रवृति कहती है, तो यह प्रवृत्ति तो नरेन्द्र मोदी की हुई.

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