निगम और नजूल की संयुक्त कार्रवाई ..हटाए गए दोनों आरा मशीन..DFO ने कहा..निगम कार्रवाई से लेना देना नहीं..

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर– पुलिस की चाक चौबन्द व्यवस्था के बीच गोंडपारा स्थित अरपा तट से दोनों आरा मशीनों को नजूल और निगम की संयुक्त कार्रवाई में हटा दिया गया है। यद्यपि आरा मशीन मालिकों ने कार्रवाई को नियमों विरूद्ध होने का दावा कर विरोध किया।  लेकिन दावा कोई काम नहीं आया । भारी विरोध के बाद भी आरा मशीन को पुलिस बल के सहयोग से हटाया गया। इस दौरान जमकर तनाव की स्थिति देखने को मिली।

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                     नोटिस समय सीमा खत्म होने के बाद नजूल और निगम प्रशासन ने एक बार फिर गोंडपारा में अरपा तट स्थित बेजाकब्जा के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान सिर्फ दो आरा मशीनों को हटाने में जिला प्रशासन को जमकर माथापच्ची का सामना करना पड़ा। दोनों आरा मशीन मालिकों ने इस दौरान अतिक्रमण दस्ता की कार्रवाई को नियम विरूद्ध बताया। दस्तावेज भी दिखाया लेकिन अधिकारियों के सामने किसी की एक नहीं चली। 

                 स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अभियान के साथ पुलिस बल की चाक चौबन्द व्यवस्था थी। उग्र आरा मशीन मालिकों को पुलिस बल ने भी समझाने का प्रयास किया। एसडीएम देवेन्द्र पटेल और निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय के समझाने के बाद भी आरा मशीन मालिकों ने स्थान छोडने को राजी नहीं हुए। अन्ततः पुलिस को दखल देना पड़ा। दोनों आरा मशीन मालिकों को अधिकारियों के निर्देश पर जल्द से जल्द हटाए जाने का निर्देश दिया गया।

             मामले में दोनो आरा मालिक ने वन काष्ठ अधिनियम 1984 का हवाला दिया। लेकिन संयुक्त कार्रवाई अभियान के सामने किसी की नहीं चली। 

एक आरा मशीन को किया गया जब्त

                  एसडीएम देवेन्द्र पटेल ने बताया कि दोनों को समझाने का भरपूर प्रयास किया गया। बावजूद इसके एक आरा मशीन मालिक मनीष अग्रवाल की मशीन को जब्त कर लिया गया है। जबकि हरविन्दर सिंह ने आदेश का पालन करते हुए जेसीबी चलने से पहले ही आरा मशीन को शांति के साथ हटा लिया। देवेन्द्र पटेल ने कहा कि जब्त आरा मशीन को छुड़ाने के लिए मनीष अग्रवाल को कानूनी कार्रवाई से गुजरना होगा। फिलहाल दोनों आरा मशीन के हटने से इंदिरा सेतु से रपटा तक अरपा तट को  अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है।

आरा मालिकों ने कहा नियम खिलाफ कार्रवाई

                    आरा मशीन मालिक मनीष अग्रवाल और हरविन्दर सिंह ने बताया कि उन्हें गलत तरीके से हटाया गया है। आरा मशीन को सिर्फ डीएफओ के आदेश के बाद ही हटाया जा सकता है।

डीएफओ कुमार निशांत ने कहा..मिगम से कोई लेना देना नहीं

                     मामले में डीएफओ कुमार निशांत ने गोलमोल जवाब दिया। पहले बताया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नही है। बार बार सवाल किए जाने पर कहा कि हा याद आया..दो दिन पहले दोनों आरा मशीन संचालकों को नोटिस जारी कर लायसेंस की वैेधता और जमीन की स्थिति की जानकारी मांगी गयी है। यद्यपि निशांत ने यह नहीं बताया कि कितनी दिनों में आरा मशीन मालिकों को दस्तावेज पेश करना है। इतना जरूर कहा कि दोनों ने अभी तक दस्तावेज पेश नहीं किया है। 

                    डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि यदि दस्तावेज वैध होंगे तो निगम को कोई अधिकार नहीं बनता है कि आरा मशीन को हटाए। फिर भी हमें निगम कार्रवाई से लेना देना नहीं है। दस्तावेज सही पाए जाने पर क्या करेंगे के सवाल पर कुमार निशांत ने चुप्पी साध लिया।  लेकिन इतना जरूर कहा कि आरा मशीन को केवल काष्ठ अधिनियम के अनुसार शर्तों के साथ हटाया जा सकता है। यदि मामला कोर्ट में होगा तो आरा मशीन को नहीं हटाया जा सकता है।  

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