सियासत: बिलासपुर में एक नया “पावर सेंटर”…खाली जगह को भरने रश्मि सिंह को मिली नई जिम्मेदारी

Chief Editor
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(गिरिजेय)।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार की शाम सीएम हाउस में आयोजित एक समारोह में प्रदेश के 15 विधायकों को संसदीय सचिव पद की शपथ दिलाई ।जिसमें बिलासपुर जिले के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र कि कांग्रेस विधायक श्रीमती रश्मि आशिष सिंह ने भी संसदीय सचिव पद की शपथ ली। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार में बिलासपुर जिले को प्रतिनिधित्व मिल गया और बिलासपुर में एक नया “पावर सेंटर” भी बन गया है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से यह पहला मौका है जब कोई यहां सत्ता का कोई शक्ति केंद्र बना है ।जिले की राजनीति में आने वाले दिनों में इसका असर नजर आएगा।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने यहाँ क्लिक कीजिये

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बिलासपुर जिला अरसे से राजनीति का बड़ा केंद्र रहा है । खासकर प्रदेश की राजनीति में कई बड़े छत्रप यहां हुए हैं। इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में सरकार जिसकी भी रही हो ।लेकिन बिलासपुर जिले से निर्वाचित विधायक प्रदेश सरकार में मंत्री बनते रहे हैं। जिससे प्रदेश की राजनीति में बिलासपुर का दबदबा हर समय कायम रह। अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से ही कांग्रेस के शासन में डॉ. श्रीधर मिश्र ,बीआर यादव लंबे समय तक मंत्री रहे । इसी तरह कांग्रेस की सरकारों में अविभाजित बिलासपुर जिले से डॉ. भंवर सिंह पोर्ते, गणेशराम अनंत ,बंशीलाल धृतलहरें , प्यारेलाल कंवर, वेद राम, चित्रकांत जायसवाल, राजेंद्र प्रसाद शुक्ल, अशोक राव जैसे कई दिग्गज मंत्री के रूप में शामिल रहे हैं ।इसी तरह बीजेपी की सरकार में मनहरण लाल पांडे, बलिहार सिंह ,ननकीराम कंवर, मूलचंद खंडेलवाल भी मंत्री बनाए गए ।

छत्तीसगढ़ बनने के बाद भी बिलासपुर जिले से अमर अग्रवाल , डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ,पुन्नूलाल मोहले मंत्री पद पर रहे । 2018 के पिछले चुनाव में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहले बनाए गए अजीत जोगी अविभाजित बिलासपुर जिले के मरवाही विधानसभा सीट से विधायक चुनकर गए थे इ। सी तरह बिलासपुर जिले के ही कोटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेंद्र प्रसाद शुक्ल छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष रहे। बिलासपुर जिले से भाजपा के वरिष्ठ नेता बद्री धर दीवान विधानसभा में उपाध्यक्ष रहे इ।सी तरह लोरमी विधानसभा सीट से विधायक चुनकर गए धर्मजीत सिंह को भी विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल चुकी है ।बिलासपुर जिले के ही बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे भाजपा के कद्दावर नेता धरमलाल कौशिक भी छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं और इस समय नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं ।

इस फेहरिस्त को देखकर समझा जा सकता है कि प्रदेश की राजनीति में बिलासपुर का दबदबा हर समय कायम रहा। लेकिन 2018 के पिछले चुनाव के बाद तस्वीर उलट गई। छत्तीसगढ़ में 15 साल लगातार शासन कर रही सत्ता संभाल रही बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा और भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी ।इधर बिलासपुर जिले में नंबर के लिहाज से कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही। इस चुनाव में बिलासपुर जिले से सिर्फ 2 सीटें कांग्रेस को मिली। बिलासपुर से शैलेश पांडे और तखतपुर से श्रीमती रश्मि आशिष सिंह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत कर आए। जबकि मस्तूरी ,बेलतरा, बिल्हा ,मुंगेली में बीजेपी को कामयाबी मिली ।इधर लोरमी, कोटा और मरवाही विधानसभा सीट जोगी कांग्रेस के खाते में गई। इस नए समीकरण के बाद छत्तीसगढ़ की सरकार में बिलासपुर को प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका था। लंबे अरसे के बाद यह पहला मौका था ,जब सरकार में बिलासपुर जिले की नुमाइंदगी शून्य रही । हालांकि बदले हुए समीकरण के बीच सीएम भूपेश बघेल से नजदीकी रखने वाले प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव पावरफुल माने जाते रहे हैं। जिले की सियासत में उनका अपना प्रभाव है । लेकिन सत्ता पावर सेंटर के रूप में सरकारी तौर पर अब तक कोई नाम नहीं था ।
छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिवों की नियुक्ति के साथ ही तखतपुर विधायक श्रीमती रश्मि आशिष सिंह के रूप में बिलासपुर को भी प्रतिनिधित्व मिल गया है । उन्हें महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है ।महिलाओं के अधिकार और बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में शुरू से खास दिलचस्पी रखने वाली श्रीमती रश्मि आशिष सिंह को इस नई जिम्मेदारी से अपनी रूचि के अनुरूप काम करने का बेहतर मौका मिल सकेगा ।इसके साथ ही बिलासपुर जिले में एक पावर सेंटर के रूप में भी उनकी पहचान बन सकती है। बिलासपुर कांग्रेस की गतिविधियों में पहले भी उनकी अपनी भूमिका रही है। छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद उन्हें बिलासपुर के पुलिस ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण का अवसर भी मिला था ।संसदीय सचिव के रूप में जिले को अब सत्ता का एक शक्ति केंद्र भी मिल गया है । माना जा रहा है कि जिले में कांग्रेस की राजनीति में इसका असर आने वाले दिनों में दिखाई देगा। बिलासपुर जिले की खासकर कांग्रेस की राजनीति में जो जगह पिछले काफी समय से खाली रही है, उसे भरने की जिम्मेदारी श्रीमती रश्मि आशिष सिंह को मिली है। अपनी नई भूमिका में वे किस हद तक कामयाबी हासिल कर सकेंगी, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

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