(गिरिजेय)क्रिकेट के मैदान में कामयाबी के लिए एक सीधा और सरल सा फार्मूला माना जाता है कि अगर बॉलर को सही लाइन और लेंग्थ यानी सही दिशा और सही लंबाई मिल गई तो अच्छे से अच्छे बैट्समैन का भी विकेट ले सकता है और अपनी टीम को जीत दिला सकता है । छत्तीसगढ़ की मौजूदा सियासत को इस नजरिए से देखें तो लगता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस को सही लाइन – लेंग्थ पर पहुंच गई है और भूपेश बघेल अपनी टीम ( कांग्रेस ) की कामयाबी में बड़ा किरदार निभा सकते हैं। चूंकि राजनीति के इस गांव के जरिए कांग्रेस अब बीजेपी के एजेंडे का जवाब दे सकती है और आने वाले समय में कांग्रेस छत्तीसगढ़ को अपनी प्रयोगशाला के रूप में देशभर में इस्तेमाल कर सकती है।सरकार बनने के बाद राम वन गमन पथ निर्माण और अब गोधन न्याय योजना के जरिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार जिस दिशा में काम कर रही है उससे राम और गाय के मुद्दे पर भाजपा का एकाधिकार छिन सकता है । कांग्रेस आने वाले समय की सियासत में इस फार्मूले का बेहतर इस्तेमाल कर बीजेपी को तगड़ा जवाब दे सकती है। लेकिन इसमें कामयाबी तभी मिलेगी जब सरकार की ओर से उठाए गए कदम सही रास्ते पर चलें और छत्तीसगढ़ के आम लोगों को तक इसका लाभ पहुंचे। इसे हासिल कर पाना एक चुनौती भी है।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये और रहे देश प्रदेश की खबरों से अपडेट
देश की राजनीति में पिछले कोई तीन चार दशक से ऐसे मुद्दे अधिक चर्चा में रहे हैं, जिसका नाता लोगों की आस्था से रहा है ।इस दौर की राजनीति पर नजर रखने वाले हर एक व्यक्ति को इस बात का एहसास है कि बीजेपी ने इन मुद्दों को बेहतर ढंग से उठाया और लोगों तक पहुंचाया। जाहिर सी बात है कि बीजेपी को इसका फायदा भी मिला। लोग नहीं भूले हैं कि वीपी सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए जब मंडल की राजनीति को हवा दी गई ,तब बीजेपी ने कमंडल का सहारा लिया। उस समय राम मंदिर का मुद्दा तेजी से उभरा और देश की सियासत में बीजेपी का दायरा बढ़ता गया ।तब से अब तक बीजेपी की पहचान इन मुद्दों के सहारे ऐसी बन गई है कि आस्था के मामले में लोगों के अधिक नजदीक दिखाई देती है।
राम से लेकर गौ रक्षा तक ऐसे तमाम मुद्दों को भाजपा ने अपने एजेंडे में हमेशा ऊपर रखा है। स्वाभाविक रूप से कांग्रेस अब तक बीजेपी की इस सियासत का जवाब तलाशती रही है। लगता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को इसमें कामयाबी मिल सकती है। प्रदेश में अपनी सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस अंदाज में हल्के पाव चलते हुए इन मुद्दों को अपने दायरे में लेने की कोशिश की है ,उससे तो कुछ ऐसा ही लगता है। मिसाल के तौर पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में राम वन गमन पथ निर्माण का काम बड़े पैमाने पर शुरू किया है। इसके लिए उन हिस्सों की पहचान की गई है, मान्यताओं के अनुसार जहां से भगवान राम वन गमन के समय गुजरे थे । ऐसे स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी बड़े पैमाने पर की जा रही है।
उस पर काम भी शुरू हो गया है। इसी तरह सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं से लोगों को जोड़ने की पहल भी शुरू की गई है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद भी ऐसे मौकों पर लोगों के साथ दिखाई देते हैं। छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले त्योहारों पर भी आयोजन कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद भी शिरकत करते हैं । भूपेश बघेल कहीं भंवरा चलाते दिखाई देते हैं, कहीं बांस की गेंड़ी पर चलते हुए नजर आते हैं तो कहीं रावत नाच महोत्सव में पारंपरिक वेशभूषा में दिखाई देते हैं। छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं को सरकार का साथ मिलने से भी नई पीढ़ी का जुड़ाव इसको बड़ा है। छत्तीसगढ़ के कई ऐसे पारंपरिक त्योहारों पर छुट्टियां भी घोषित की गई हैं। साथ ही पुरानी परंपराओं के अनुसार त्योहारों के आयोजन भी किए जाने लगे हैं । जिससे छत्तीसगढ़ी अस्मिता की ओर लोगों का झुकाव और जुड़ाव बढ़ रहा है ।
हरेली त्यौहार भी इसका एक बड़ा उदाहरण है छत्तीसगढ़ में हरेली के साथ ही त्योहारों की शुरुआत होती है और खेती किसानी से जुड़े लोग चारों ओर फैली हरियाली के बीच अपने कृषि औजारों की पूजा पाठ के साथ उत्साह से इसमें हिस्सा लेते हैं । सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नरवा गरवा घुरवा बारी के नाम से एक बड़ी योजना की शुरुआत की थी। जो गांव की व्यवस्था से सीधे जुड़ी हुई योजना है ।पिछले साल हरेली के दिन से ही गोठानो की शुरुआत की गई जाहिर सी बात है कि गांव के लोग और नई पीढ़ी के बीच इसका असर हुआ है। इस साल हरेली तिहार के दिन ही गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई है। जिसमें प्रदेश के पशुधन के विकास को लेकर काफी काम किए जाने की गुंजाइश है । सरकारी तौर पर दावा किया जा रहा है कि गांव की अर्थव्यवस्था और लोगों के रोजगार के लिए आने वाले समय में इसका बड़ा फायदा मिलेगा । यकीनन सरकारी तंत्र यदि दावे के अनुरूप इस योजना को अंजाम तक पहुंचा पाता है तो छत्तीसगढ़ के लिए यह योजना बेहतर साबित हो सकती है ।
लेकिन सियासी नजरिए से देखें तो गोधन न्याय योजना शुरू कर कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने गाय का मुद्दा ही बीजेपी से छीन लिया है । कम से कम छत्तीसगढ़ में इस मुद्दे पर अब बीजेपी का एकाधिकार नजर नहीं आ रहा है। राम वन गमन पथ निर्माण ,छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा अस्मिता के साथ ही अब गोधन न्याय योजना से कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपनी एक अलग पहचान बनाने की ओर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है । उसका यह सफर कामयाबी के साथ जारी रहा तो आने वाले समय में देश भर में कांग्रेस की नई पहचान के लिए भूपेश बघेल का यह नुस्खा प्रयोगशाला के रूप में आजमाया जा सकेगा ।लोग नहीं भूले हैं कि पिछली बार हरेली त्यौहार पर बिलासपुर जिले के नेवरा गनियारी के जलसे में शिरकत करने आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी हथेली पर भंवरा चलाकर लोगों को हैरत में डाल दिया था और मीडिया में खूब वाहवाही हुई थी ।छत्तीसगढ़ में अब तक बीजेपी के कब्जे में दिखाई देने वाले मुद्दों को हथिया कर भूपेश बघेल अब सियासत का लट्टू अपनी हथेली पर घुमाते दिखाई दें तो हैरत की बात नहीं होगी।