अंग्रेजी माध्यम स्कूल में आवेदन की भरमार..विधायक ने कहा..बढायी गयी छात्रों की संख्या..निजी संस्थानों को मांगने पर देना होगा टीसी..जिला शिक्षा अधिकारी ने भी किया समर्थन

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—- शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी और वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी सुनील चिपड़े के साथ नगर विधायक शैलेष पाण्डेय की इन्गलिश मीडियम सरकारी स्कूल में पठन पाठन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक के बाद विधायक पाण्डेय ने बताया कि अब किसी भी गरीब का मेधावी बच्चा अंग्रेजी की पढाई के लिए दर दर नहीं भटकेगा। सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए शहर के किसी भी निजी संस्थानों से बेहतर सुविधा देने का संकल्प लिया है।

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अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर बैठक

           शैलेश पाण्डेय ने जानकारी दी कि पिछले साल पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर में तीन सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से 12 तक इंग्लिश में पठन पाठन का अभियान चलाया गया। रिजल्ट बेहतर आने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा मंत्रालय ने पूरे प्रदेश में एक निश्चित संख्या में सरकारी स्कूलों में अलग से आधारभूत संरचना विकसित कर सेटअप  तैयार किया गया। इंग्लिश माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है। इन्ही तमाम बातों को लेकर आज जिला शिक्षा अधिकारी के साथ विचार विमर्श किया गया है।

बेहतर आधारभूत संरचना का विकास

         पाण्डेय ने बताया कि निवेदन के बाद शासन ने कक्षा एक से बारह तक के सभी कक्षाओं में बच्चों की संख्या को बढ़ाकर 80-80 कर दिया  गया है। पहले कक्षाओं में 40-40 छात्र छात्राओं को लिए जाने का फैसला लिया गया था। लेकिन आधारभूत सरंचना और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए क्लास में बच्चों की संख्या को बढ़ा दिया गया है। विधायक ने जानकारी दी कि बच्चों को बढ़ाने वाले शिक्षक पूरी तरह से अंग्रेजी माध्यम वाले होंगे।

चुनिदां पाच स्कूल और छात्रों की संख्या

                            उन्होने बताया कि आवेदन की संख्या बहुत है। इसलिए हमने प्रशासन से निवेदन किया है कि कुल 80 विद्यार्थियों का दस प्रतिशत कोटा सभी क्लास में बढ़ा दिया जाए। कलेक्टर का हमें आश्वासन मिला है। उम्मीद है कि अब 8 अतिरिक्त बच्चों का भी प्रवेश होगा। विधायक ने जानकारी दी कि शहर में कुल पांच स्कूलों का इंग्लिश मीडियम के लिए चयन किया गया है। इसमें पुराने तीन और नए दो स्कूल शामिल है। इनके नाम क्रमश तिलक नगर स्कूल, लाला लाजपत नगर स्कूल, दयालबन्द स्कूल, तारबाहर और मंगला स्कूल प्रमुख हैं।

आवेदनों की भरमार

                 मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक भार्गव ने बताया कि हमें अभियान के दौरान अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। हमने बच्चों के लिए सभी विषयों के लिए बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति की है। इसके अलावा उच्चस्तरीय आधारभूत संरचना का विकास किया गया है। कक्षाओं में 90 छात्र के बाद भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। हमारे सामने आवेदनों की बाढ़ है। लेकिन हम छात्रों का चयन प्राथमिकता के आधार पर करेंगे। प्रवेश को लेकर किसी भी प्रकार का ना तो दबाव है। और ना ही हम दबाव में आने वाले हैं।

टीसी देना होगा

          भार्गव ने बताया कि तिलकनगर और दयालबन्द स्कूल में 1 से 8 तक तक संचालित होंगी। जानकारी मिली है कि निजी संस्थानों स्कूल बच्चों का टीसी नहीं दे रहे हैं। हमने उन्हें 31 जुलाई का समय दिया है। यदि टीसी नहीं दिया जाएगा तो उसके बाद उचित कदम उठाया जाएगा। 

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