हल से होगा हल-मोदी

Chief Editor
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pm.

रायपुर ।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हिंसा का कोई भविष्य नहीं है। शांति के रास्ते पर चलकर ही विकास संभव है। श्री मोदी ने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने का आव्हान करते हुए कहा कि बन्दूक किसी समस्या का समाधान नहीं बन सकती। जिस धरती पर नक्सलवाद का जन्म हुआ था, जहां बम और बन्दूकें चला करती थीं, जहां रक्त की धाराएं बहा करती थी, उस नक्सलबाड़ी में भी ऐसा करने वालों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि समस्याओं का समाधान कंधे पर गन (बंदूक) रखने से नहीं बल्कि ’हल’ (नांगर) रखकर काम करने से होगा।
श्री मोदी आज छत्तीसगढ़ के नक्सल हिंसा पीड़ित आदिवासी बहुल दक्षिण बस्तर जिले के मुख्यालय दंतेवाड़ा में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर बस्तर अंचल में आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए संचालित योजनाओं का जिक्र करते हुए इन योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह ने माओवादी हिंसा की समस्या को बन्दूक से नहीं विकास के रास्ते से हल करने का रास्ता दिखाया है। उन्होंने यहां के बच्चों के हाथों में कलम के साथ-साथ किताबें और कम्प्यूटर भी थमायी है। आमसभा में श्री मोदी ने   बस्तर अंचल को 24 हजार करोड़ रूपए की दो बड़ी विकास परियोजनाओं की सौगात दी। उनके समक्ष रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन परियोजना और अल्ट्रा मेगा इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के बीच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
श्री मोदी ने कहा कि इन परियोजनाओं से इस अंचल के लोगों के जीवन में बदलाव आएगा। रेलवे कनेक्टिविटी बढ़गी और जब दूर-दराज के इलाकों में रेल की पटरियां बिछायी जाती है और वहां रेल आती है तो जीवन को भी गति मिलती है। रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन की परियोजना बस्तर अंचल को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ेगी। उन्होंने अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट की परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे यहां के लौह अयस्क से यहीं पर स्टील बनाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री मुझे बता रहे थे कि बस्तर का लौह अयस्क हम विदेश भेजते हैं। अगर लौह अयस्क हमारा होगा, तो स्टील भी हमारा होगा और हम दुनिया को स्टील देंगे। आयरन ओर को स्टील बनाने में हमारे यहां के नौजवानों का पसीना लगेगा। हमारी कोशिश इस बस्तर को विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाने की है।
श्री मोदी ने इन परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आज मैं यहां पर डॉ. रमन सिंह के सपनों को धरती पर साकार होते देख रहा हूं। इन परियोजनाओं में लगभग 24 हजार करोड़ रूपए का पूंजी निवेश होगा। श्री मोदी ने आमसभा में इसका उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक यह देखा गया है कि किसी जिले में अगर पांच हजार करोड़ रूपए की धनराशि का निवेश होता है, तो उस जिले का विकास तेजी से होता है, लेकिन यहां तो एक ही दिन में बल्कि एक घंटे में 24 हजार करोड़ रूपए का निवेश हो रहा है, जो बस्तर क्षेत्र के लिए निश्चित रूप से बहुत बड़ी बात है और इस क्षेत्र के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा। श्री मोदी ने कहा – डॉ. रमन सिंह मेरे मित्र होने के बावजूद उनके प्रति मेरे मन में हमेशा एक विशेष आदर का भाव रहा है। डॉ. सिंह ने हमेशा गरीबों और आदिवासियों के हितों की चिंता की है। छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनते ही उन्होंने सबसे पहले यह तय कर लिया था कि आदिवासियों का शोषण रोकने के लिए उन्हें नमक आसानी से उपलब्ध कराना है। यहां के आदिवासी अपने चार-चिरौजी और काजू जैसे बहुमूल्य वनोपजों को बेचकर नमक खरीदा करते थे। डॉ. रमन सिंह ने उन्हें मुफ्त में नमक देने की व्यवस्था की है। इस इलाके में जहां चिरौंजी और काजू जैसी बहुमूल्य वनोपजों को बेचकर आदिवासी नमक खरीदा करते थे। अब उनका यह शोषण बंद हो गया है। यह देखकर मेरे मन मे डॉ. रमन सिंह के प्रति सम्मान का भाव और भी अधिक बढ़ गया है कि हमारा एक साथी अपने राज्य के गरीबों और आदिवासियों की बेहतरी के लिए सोचता है।
श्री मोदी ने इस मौके पर तेन्दूपत्ता श्रमिकों को बोनस का भी वितरण किया और उनसे आग्रह किया कि वे बोनस के पैसों का उपयोग बच्चों की जिन्दगी संवारने में करें। श्री मोदी ने आमसभा में दंतेवाड़ा के ग्राम जावंगा की एजुकेशन सिटी परियोजना के लिए भी डॉ. रमन सिंह की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने एजुकेशन सिटी को ‘ज्ञान नगरी’ की संज्ञा से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मैं आज यहां की ज्ञान नगरी में उन बच्चों से मिला जिन्होंने नक्सल हिंसा में अपने मां-बाप को खोया है या उस हिंसा के कारण किसी को अपने मां-बाप से बिछुड़ कर दूर रहना पड़ा है। ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए संचालित इस परियोजना के लिए प्रधानमंत्री ने डॉ. रमन सिंह को बधाई दी और कहा कि कुछ लोग इन बच्चों को बंदूक के रास्ते पर ले जाना चाहते थे, लेकिन डॉ. रमन सिंह ने इन बच्चों के हाथों में कलम थमाकर उन्हें एक बेहतर भविष्य का मार्ग दिखाया। श्री मोदी ने कहा कि इस एजुकेशन सिटी के बच्चों को देखकर मैं कहता हूं कि हिंसा का कोई भविष्य नहीं है। शांति के रास्ते पर चलकर ही विकास हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने बस्तर अंचल की हिंसक नक्सल समस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि जब पंजाब में खूनी खेल खेला जा रहा था, तब किसने सोचा था कि वहां रक्तपात बंद होगा और विकास का वातावरण बनेगा। श्री मोदी ने कहा कि देशवासियों को निराश नहीं होना चाहिए। हिंसा और रक्तपात का खेल बस्तर में भी बंद होगा। मुझे विश्वास है कि हिंसा के गलत रास्ते पर चल रहे लोगों में मानवता जागेगी। उन्हांेने हिंसा में लिप्त नक्सलियों से कहा कि वे कुछ दिन उन घरों में जाकर उन बच्चों के साथ रहें, जिन्हें नक्सल हिंसा के कारण अपने मां-बाप से बिछुड़ना पड़ा है। निश्चित रूप से उनके दर्द को महसूस कर वे हृदय परिवर्तन के लिए मजबूर  हो जाएंगे। एक बार मानवता को अंगीकार कर उन पीड़ित परिवारों से मिल लीजिए, आपको हिंसा के रास्ते पर जाने की नौबत नहीं आएगी।  हिंसा से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ इस समस्या से निकलकर देश का नम्बर वन राज्य बनेगा। छत्तीसगढ़ के पास वह ताकत है, जो हिन्दुस्तान के भविष्य को बदल सकती है।
श्री मोदी ने युवाओं के लिए आजीविका प्रशिक्षण देने दंतेवाड़ा से शुरू की गई लाइवलीहुड कॉलेज परियोजना के लिए भी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की तारीफ की। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह ने राज्य में लाइवलीहुड कॉलेजों का जाल बिछाया है। आज दुनिया के सुखी और समृद्ध  देश भी अपने युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल उन्नयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह की सरकार ने युवाओं को हुनर से शिखर तक पहुंचाने का जो अभियान शुरू किया है, जो देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए और छत्तीसगढ़ के आकर यहां के लाइवलीहुड कॉलेजों को देखना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास मिशन को लेकर वह चल रहे हैं। युवाओं को रोजगार देना है तो यह बहुत सरल मार्ग है कि हर नौजवान के हाथ में हुनर हो। ऐसा होने पर उसे जीवन में कभी रोजगार की समस्या नहीं होगी। श्री मोदी ने आमसभा में आज दंतेवाड़ा के लाइवलीहुड के कॉलेज के अवलोकन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वहां प्रशिक्षण ले रहे आदिवासी युवाओं के हाथों में हुनर और आंखों में आत्मविश्वास की चमक देखने को मिली। श्री मोदी ने कहा कि बड़े से बड़े अधिकारी भी प्रधानमंत्री से बात करना है तो उन्हें सहज होने में कुछ समय लगता है, लेकिन दंतेवाड़ा के लाइवलीहुड कॉलेज के युवाओं ने बड़ी आसानी से और आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखी।

             
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