अन्तर्राष्ट्रीय आनलाइन 9 लाख रूपयों की ठगी.मास्टर माइन्ड समेत झारखण्ड से 3 आरोपी गिरफ्तार..2 फरार..पुलिस कप्तान अग्रवाल ने किया ईनाम 10 हजार का एलान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- बिलासपुर पुलिस ने आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भांडाफोड़ा है। आज बिलासागुड़ी में खुलासे के दौरान पुलिस कप्तान ने बताया कि आरोपियों ने आनलाइन फर्जी आईडी से प्रार्थी के खाते से 9 लाख का लोन लेकर अलग अलग खातों में रूपयों को स्थानांतरित किया है। आरोपियों ने ठगी को 28 और 19 जुलाई को ठगी के काम को अंजाम दिया था। प्रार्थी कि शिकायत के बाद लगातार प्रयास से मास्टर माइन्ड समेत तीन अन्य को झारखण्ड के सरैया घाट से गिरफ्तार किया गया है। जबकि दो अन्य आरोपी फरार है।

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               पुलिस कप्तान ने आज पत्रकारों को बताया कि 15 जुलाई को प्रार्थी पदुमनाथ गुप्ता उम्र 63 साल रिटायर्ड एएसआई निवासी गंगानगर को अज्ञात नम्बर से फोन आया। कालर ने बताया कि वह छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय के पेंशन शाखा हेडक्वार्टर का अधिकारी है। पेंशन संबधि जानकारी अपडेट करने पदुमनाथ गुप्ता से एटीएम कार्ड और बैंक खाते की जानकारी मांगी गयी। साथ ही फिक्स डिपाजिट की भी जानकारी मांगी गयी।

9 लाख रूपयों का आहरण

                        पदुमनाथ को 20 जुलाई को मोबाइल पर मैसेज आया कि उसके खाते से कुल 9 लाख रूपए का आहरण किया गया है। प्रार्थी ने तत्काल पुलिस से सम्पर्क किया। मामले की सिलसिलेवार जानकारी दी। घटना की जानकारी के बाद पुलिस कप्तान ने थाना सिटी कोतवाली में  एफआईआर दर्ज किये जाने का आदेश दिया।

शिकायत और मोबाइल नम्बर ट्रेस

                शिकायत दर्ज होने के बाद एडिश्नल एसपी ओपी शर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक निमेष बरैया की अगुवाई में थाना प्रभारी और साइबर सेल की टीम का गठन किया गया। जांच पड़ताल के दौरान प्रार्थी से कालर का नम्बर लिया गया। साइबर सेल ने बताया कि मोबाइल नम्बर झारखण्ड  के दुमका जिले के सरैया घाट थाना क्षेत्र से है।

फिक्स डिपोजिट से 9 लाख रूपयों की ठगी

                        पुलिस कप्तान ने खुलासे के दौरान बताया कि आरोपियों ने ठगी को अंजाम देने से पहले प्रार्थी से बैंक की डिटेल जानकारी ली। सबसे पहले प्रार्थी के खाते से 2995 रूपए और उसके परिवार के सदस्यों के नाम से फिक्स डिपाजिट के खिलाफ इन्टरनेट बैंकिंग के माध्यम से आनलाईन लोन लिया। लोन की रकम 9 लाख को अलग अलग राज्यों के कुल 6 खातों में स्थानांतरित किया। सभी रकम एटीएम के माध्यम से निकाला गया।

बनाया गया फर्जी आईडी

                                        प्रशांत अग्रवाल ने जानकारी दी कि प्रार्थी ने कभी भी इंटरनेट सेवा का उपयोग नहीं किया। उसने कभी भी इन्टरनेट आईडी भी नहीं बनाया। आरोपियों  15 जुलाई 2020 को प्रार्थी के खाते से जानकारी लेकर एसबीआई आनलाइन बैंकिंग  साइट पर जाकर फर्जी यूजर आईडी बनाया।  तीन चरणों में ओटीपी हासिल कर सिक्योर लागिन बनाया था।

           पुलिस कप्तान ने बताया कि सारी जानकारी हासिल होने के बाद एक टीम आरोपियों को पकड़ने झारखण्ड के लिए रवाना किया गया। 10 दिनों तक लगातार प्रयास के बाद मुख्य सरगना समेत तीन आरोपियों को पकड़ा गया। 

पकड़े गए आरोपियों के नाम

          पकड़े गए आरोपियों में प्रमुख रूप से संजय कुमार मंडल पिता ज्योतिष मंडल उम्र 37 साल निवासी सालजोरा बंदरी पोस्ट जोकेला थाना सरैया घाट जिला दुमका झारखण्ड। दूसरे आरोपी का नाम अमोद मंडल पिता बेचन मंडल उम्र 23 साल निवासी पोईर हाट मिडिल स्कूल के पास थाना चौकी मोतिया जिला गोड्डा। तीसरे आरोपी का नाम अरूण मंडल पिता रामदेव मंडल उम्र 35 साल निवासी मोतिया जिला गोड़़्डा थाना गोड्डा मोतिया झारखण्ड है।

 फरार आरोपियों के नाम

         मुकेश कुमार मण्डल पिता नरेश मण्डल उम्र 33 साल निवासी सालजोरा बंदरी पोस्ट थाना सरैया हाट जिला दुमका। सुमन कुमार मंडल पिता चिंतामणि मंडल उम्र 35 साल निवासी सालजोरा बंदरी पोस्ट जोकेला थाना सरैया घाटा जिला दुमका झारखण्ड है।

किन किन को बनाया शिकार

              पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि मुख्य सरगना संजय मंडल, मुकेश मंडल, सुमन मंडल ने 15 जुलाई 2020 को अपने अन्य साथियों के साथ देश के कई राज्यों के सेवानिवृत अधिकारियों को ठगा है। ठगी का शिकार होने वालों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी से लेकर तृतिय और चतुर्थ वर्ग के रिटायर्ड कर्मचारी शामिल है। प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही फरार दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उम्मीद है कि दोनों अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद नया कुछ सामने जरूर आएगा

बरामद सामाग्रियों के नाम

          गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों के पास से ठगी की रकम में से 7 लाख बरामद किया गया है। इसके अलावा मोबाइल , सिमकार्ड, एटीएम कार्ड और प्रिंटर बरामद किया गया है। एसपी ने जानकारी दी कि आरोपियों ने अभी तक ठगी के मंसूबों को कई राज्यों में अंजाम दे चुके हैं। आरोपियों ने पदुमानाथ गुप्ता के डिपोजिट खाते से किया था ठगी।

पुलिस कप्तान ने किया ईनाम 10 हजार का एलान

           आनलाइन ठगी का खुलासा के बाद पुलिस कप्तान ने कर्मचारियों की मेहनत और सूझबूझ की जमकर तारीफ की। उन्होने आरोपियों के पकड़ने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहयोग करने वालों को बधाई दी। पुलिस कप्तान ने एलान किया कि टीम की मेहनत के मद्देनजर अपराधियों को गिरफ्तार करने वाली टीम के लिए दस हजार रूपये ईनाम का एलान करता हूं।

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