अयोध्या।राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर जाएंगे, जिसके बाद वह रामलला के दर्शन करेंगे। Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे। वह इसके बाद श्रीरामजन्मभूमि में राम लला की पूजा करेंगे। बाद में भूमि पूजन होगा और स्टेज पर कार्यक्रम होगा। 175 प्रमुख मेहमानों को Ram Janmbhoomi Mandir के भूमि पूजन के लिए बुलाया गया है। पीएम मोदी, RSS चीफ मोहन भागवत, नृत्य गोपाल दास महाराज, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच पर मौजूद रहेंगे।
आयोजन में 135 संतों को बुलाया गया है। सोमवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने पत्रकारों को बताया, “हमने इस (राम जन्मभूमि शिलान्यास) आयोजन में भारत के लगभग 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा है।” बकौल राय, “महात्मा संतों को मिलाकर लगभग पौने दो सौ लोगों को निमंत्रण भेजा गया है। हमने इक़बाल अंसारी और फैजाबाद निवासी जिनको पद्म श्री मिला है मोहम्मद शरीफ (लावारिस शवों का उनके धर्मानुसार अंतिम संस्कार करते हैं) उनको भी निमंत्रण भेजा है।
कार्यक्रम में इनके अलावा राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष के मुख्य मुद्दई इकबाल अंसारी भी शरीक होंगे। उन्होंने न्योता कुबूल करते हुए कहा है कि जो होना था वह हो चुका है और अब हम सभी को आगे की राह देखनी चाहिए। अंसारी ने समाचार एजेंसी ‘भाषा’ से कहा, “हमें (मंदिर भूमि पूजन का) निमंत्रण आया है। हम उसमें शिरकत करेंगे। हमने यही बात मीडिया में पहले भी कही थी कि अगर हमारी जरूरत है और आप (सरकार) हमें बुलाते हैं तो हम जाएंगे।”
राम मंदिर शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए काशी विद्वत परिषद के दल ने सोमवार को वाराणसी से अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री डॉ. उत्तम ओझा ने बताया, ”पांच अगस्त को प्रस्तावित शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेने काशी विद्वत परिषद के तीन सदस्यीय दल ने परिषद के मंत्री पंडित राम नारायण द्विवेदी के नेतृत्व में अयोध्या के लिये प्रस्थान किया।” द्विवेदी ने कहा कि काशी विद्वत परिषद की देखरेख में ही शिलान्यास की संपूर्ण प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी।
दल के रवाना होने से पूर्व ओझा ने श्री संकटमोचन मंदिर के मुख्य द्वार पर उन्हें रामलला के निर्माण में काशी से एक ईंट प्रदान की। उन्होंने बताया कि भगवान राम का कोई भी कार्य हनुमान जी के बिना हो पाना संभव नहीं है। इसलिए प्रस्थान के लिए संकटमोचन मन्दिर का स्थान चुना गया।
अयोध्या में भूमि पूजन को ‘ऐतिहासिक और भावनात्मक’ आयोजन बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा और अनुरोध किया कि जो लोग आमंत्रित हैं, वही अयोध्या आएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को अयोध्या के दौरे पर है । वह पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वहां मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लेने रामलला की नगरी पहुंचे।
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