क्वारन्टीन सेंटर स्कूल को भी सेनेटाइज नही किया गया,टीचर्स एसोसिएशन ने कहा-आदेश जारी कर संक्रमण में झोंक रहे शिक्षको को,अधिकारियो का रवैय्या सुस्त

Chief Editor
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि शिक्षक शिक्षा व सह कार्य के लिए तैयार है, किन्तु शिक्षको का सभी कार्य स्कूल से ही संपादित होना है, और प्रदेश में हजारों स्कूल को कोरेन्टीन सेंटर बनाया गया था, जहाँ से कोरोना के मरीज पाए गए है, किन्तु शिक्षा विभाग जबानी खर्च व आदेश के अलावा स्कूल को सेनेटाइज करने में रुचि नही ले रहे है।पंचायत, नगरीय निकाय, शिक्षा विभाग व प्रशासन में उचित तालमेल नही होने के कारण अभी तक स्कूल में साफ सफाई व रंग रोगन भी नही हुआ है, प्रशासन व शिक्षा विभाग किसी भी एक अधिकारी को जिम्मेदारी देकर स्कूल की साफ – सफाई व सेनेटाइज करने की व्यवस्था करे, इसके बाद ही शिक्षण सह सामग्री वितरण को सुचारू पूर्ण किया जा सकता है।

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नए शिक्षा सत्र की तैयारी के नाम पर शिक्षको को घर घर पाठ्य पुस्तके, राशन सामग्री, गणवेश वितरण, सायकल वितरण, छात्रवृति आदि के लिए भेजने के निर्देश है, किन्तु इन सभी कार्य के लिए स्कूल ही केंद्र है, जिसे सेनेटाइज नही किया गया है।शिक्षको का कहना है कि अधिसंख्य पंचायतों के द्वारा विद्यालय की सफाई और सेनेटाइज करने के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई गई है और हमें मजबूरी में उसी विद्यालय में अब प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करना पड़ रहा है, किताबों का वितरण बस्तियों में करना पड़ रहा है, जबकि विद्यालयों में कोरेंटाइन सेंटर था, जिसमें से कुछ मरीज भी कोविड-19 – कोरोना के निकले हैं, उसके बावजूद पंचायत एवं नगरी निकाय के द्वारा सेनेटाइज नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।शिक्षक शिक्षा प्रशासन के सभी निर्देश को स्वेच्छा से संचालित कर रहे, अभी बिना सेनेटाइजेशन से कोरेन्टीन सेंटर के स्कूल से कोरोना फैलने की जिम्मेदारी आखिर कौन लेंगे,??शिक्षक – शिक्षा विभाग के सभी कार्य को भी पूर्ण करेंगे, किन्तु कोरोना संक्रमण की सावधानी को मेंटेन भी किया जावे, शिक्षा विभाग या प्रशासन सभी स्कूल को साफ – सफाई व सेनेटाइज कराएं या फिर इसके लिए फंड जारी कर आवश्यक निर्देश करें, इसके बाद ही सभी शिक्षको को शाला व मुहल्ले में जाने का आदेश जारी करें।

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