ध्वनि प्रदूषण की समस्या पर सरकार गंभीर,निर्देश जारी

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djbanरायपुर। सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर अत्यधिक शोर मचाने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों तथा डीजे का मनमाना इस्तेमाल अब प्रदेश में नहीं हो सकेगा। राज्य सरकार ने ध्वनि प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लिया है। इस सिलसिले में आवास और पर्यावरण विभाग ने कल यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है।राज्य शासन के ध्यान में यह तथ्य आया है कि ध्वनि विस्तारक उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारण परिवेशीय वायु में निर्धारित ध्वनि स्तर के मानकों को उल्लंघन हो रहा है और बढ़ता ध्वनि प्रदूषण जन-साधारण के लिए विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण भी बन रहा है। परिपत्र के अनुसार राज्य शासन को यह समाधान हो गया है कि प्रदेश की परिवेशीय वायु में निर्धारित ध्वनि स्तर के मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है।

                                               आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह द्वारा जारी परिपत्र में जिला कलेक्टरों को जिलों में ध्वनि प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक शिकायत केन्द्र की स्थापना करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें प्रत्येक केन्द्र में एक जिम्मेदार अधिकारी तैनात करने और प्राप्त शिकायतों का त्वरित निराकरण करने के लिए भी कहा गया है। जिला कलेक्टरों को जिले में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए दण्डाधिकारियों, पुलिस और होम गार्डस के माध्यम से लगातार मॉनिटरिंग और पेट्रोलिंग करने तथा नियम का पालन सुनिश्चित करवाने और ध्वनि प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार के जरिए जन-जागरण के लिए भी कहा गया है।

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